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  11. <title>Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</title>
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  14. <description>Read Hindi Sex Stories, Antarvasna Kahani, हिंदी सेक्स कहानियाँ</description>
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  25. <title>Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</title>
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  31. <title>पति ने दिल्ली ले जाकर अजनबी से चुदवाया</title>
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  34. <dc:creator><![CDATA[Ravi Gupta]]></dc:creator>
  35. <pubDate>Thu, 11 Sep 2025 05:24:46 +0000</pubDate>
  36. <category><![CDATA[बीवी (Wife)]]></category>
  37. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=3832</guid>
  38.  
  39. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम श्रुति है. में बिहार की रहने वाली हु. मेरे माता पिता दोनों भी अछि जॉब करते थे. पैसा ठीकठाक था, इसलिए उन्होंने मुझे</p>
  40. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac/">पति ने दिल्ली ले जाकर अजनबी से चुदवाया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  41. ]]></description>
  42. <content:encoded><![CDATA[
  43. <p>मेरा नाम श्रुति है. में बिहार की रहने वाली हु. मेरे माता पिता दोनों भी अछि जॉब करते थे. पैसा ठीकठाक था, इसलिए उन्होंने मुझे दिल्ली में हॉस्टल में पढाई के लिए भेजा था. पढाई के दौरान दिल्ली में मेरी मुलाकात विकास से हुई. वो भी बिहार का ही रहने वाला था.</p>
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  47. <p>विकास से में पहली बार एक दोस्त के बर्थडे पार्टी में मिली थे. दोस्त की बर्थडे पार्टी एक क्लब में थी. वहा &nbsp;बातचीत हुई और हम अच्छे दोस्त बंद गए. फिर हमारा काफी बार मिलना हुआ. हम क्लब में जाया करते थे. विकास क्लब में मुझे चिपक चिपक के नाचा करता था. एक दिन उसने मुझे क्लब के अँधेरे माहौल में होठोंपे किस कर लिया. उस दिन के बाद सब कुछ बदल गया. हम दोनों के शरीर एक दूसरे के करीब आने लगे.</p>
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  51. <p>विकास मुझे होटल के रूम पे ले गया. वह विकास के साथ बहोत चुदाई की. हम दोनों को सेक्स बहोत पसंद था, इसलिए जब भी रूम पे जाते थे. सारी पोजीशन में हम चुदाई करते थे. रूम के सभी जगह का पूरा इस्तेमाल किया. हमें मिलकर अभी २ ही महीने हुए थे. लेकिन इन दो महिनोमे हम करीब २० बार अलग अलग जगह जाकर चुदाई कर चुके थे. कुछ न मिले तो कार की पार्किंग में कार में बैठे बैठे में विकास का लंड चूस लेती थी. वो मेरी चुत में ऊँगली डालकर मेरा पानी निकलता था. कोई न कोई तरीका ढूंढ़कर हम चुदाई कर ही लेते थे.</p>
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  55. <p>फिर करीब ६ महीने बाद हमने शादी करने का फैसला किया. घर वालो ने शादी भी करवादी. अभी वक्त था हनीमून का तो हम पहाडोमे हनीमून पे गए थे. मनाली, शिमला, कश्मीर ऐसे करीब १५ दिन का हमारा सफर था. पुरे सफर में दोनों एक दूसरे को अपने शरीर से दूर ही नहीं कर रहे थे. पहाड़ो में घूमते हुए, एक ऐसी भी जगा मिली जहा दूर दूर तक कोई नहीं था. हम पहाड़ की उचाई पे थे. चारोतरफ हरयाली और देखने वाला कोई नहीं. अब ऐसे मोके में किसका मन नहीं करेगा चुदाई का.</p>
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  59. <p>विकास ने आस पास देखकर पुस्टि कर ली के कोई देख नहीं रहा. और फिर हम वही खुले नीले आसमान के निचे ही सुरु हो गए. किस करने से सुरवात हुई थी जो चुदाई पे ही जाकर रुकी. बहोत मजा आया लेकिन ऐसे खुले में चुदवानेमें. खासकर तब जब विकास ने मेरी पैंट को पूरा निचे उतर दिया. और ठंडी हवा मेरे चुत को लगने लगी. मेरी गांड पिछेसे हवाके झोको को महसूस कर रही थी. विकास ने मुझे वही पर झुकाया, में सामने के बड़े पत्थर पे हात रखकर झुककर खड़ी हो गयी और पिछेसे विकास ने मुझे पेलना सुरु किया. &nbsp;आअह्ह। .. उससस इस्सस आहहह. … में खुलकर चिल्ला रही थी क्यूंकि दूर तक कोई सुनाने वाला था. विकास भी काफी जोश में था. तो वो भी जोर जोर से धक्के देकर चोद रहा था.</p>
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  63. <p>पूरा हनीमून हमने चोद चोद कर ही निकला. फिर हम वापस घर ए. काफी महीनेतक घरपर ही चुदाई होती रही. शादी को अब करीब १ साल होने आया था. धीरे धीरे हम दोनों ने महसूस किया के अब सेक्स करने में इतना मजा नहीं आ रहा है. अब सेक्स करना भी एक काम तरह महसूस हो रहा था. वो मजा जो पहले आता था वो कम हो गया है.</p>
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  67. <p>रातको बेड पर सोते हुए हम एक दूसरे के सात बाते करते हुए अपनी राय बता रहे थे. तभी विकास ने कहा, की मेरे पास एक उपाय है इसका. लेकिन उसके लिए तुम्हे पहले में जो कहु उसके लिए राजी होना पड़ेगा.</p>
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  71. <p>तो मेने कहा की ऐसी क्या बात है. में तो हमेशा ही तैयार रहती हु. तुम जो भी कहते हो, सब के लिए में राजी थी.</p>
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  75. <p>तो विकास कहने लगा. ऐसे नहीं. में जो करने की बात कर रहा हु, ये पूरी अलग बात है. और पूरा प्लान तुम्हारे ऊपर निर्भर है. अगर तुम ना कर दोगी तो हम कभी कर नहीं पाएंगे.</p>
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  79. <p>तो में थोड़ी सहमति हुए बोली. बताओ ना ऐसी क्या बात है. अब और ज्यादा दुविधा में मत रखो.</p>
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  83. <p>विकास ने कहा. अपना हात आगे लायो। विकास ने मेरा हात अपने हात में पकड़ा और कहा की &nbsp;… वादा करो की ग़ुस्सा नहीं होगी.</p>
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  87. <p>तो मेने हस्ते हुए कहा की….. हा में वादा करती हु के ग़ुस्सा नहीं होगी..</p>
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  91. <p>फिर विकास ने कहा. के मेरे दिमाग में ये बात कई महीनो से चल रही है. लेकिन तुम बुरा मानोगी इसलिए मेने नहीं पूछा.</p>
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  95. <p>में बहोत जिज्ञासा से उससे पूछा। क्या बात है बताओ।</p>
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  99. <p>तो विकास डरते हुए बोलै. में तुम्हे किसी और से चुदवाते हुए देखना चाहता हु.</p>
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  103. <p>ये सुनकर मेरे तो होश उड़ गए. &nbsp;में विकास की तरफ देखती रही. मेरे मुँह से कोई भी शब्द नहीं निकला</p>
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  107. <p>विकास आगे कहा. देखो मेरा प्लान है के हम दिल्ली जायेंगे. वह किसी अजनबी लड़केको में मना लूंगा। होटल रूम में रहकर रातको हम अपना खेल खेलेंगे.</p>
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  111. <p>&nbsp;दो दिन रहेंगे दिल्ली में और फिर वापस आ जायेंगे. किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा.</p>
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  115. <p>विकास की बाते सुनकर मेरी चुत तड़पने लगी. मेने तुरंत विकास को होठोंपे किस किया और चूमते हुए में उसके उपर आयी. दोनों ने चूमते हुए एक दूसरे के कपडे उतरे और फिर विकास ने मुझे पेलना सुरु किया. मुझे पूरा नंगा कर मेरे चुत में लंड डालकर चोदते हुए मुझे पूछने लगा. चोदे गी ना दूसरे मर्द से. में भी फूली हुई सास को..पकड़ते हुए कहने लगी. हा जानू चुदवाउंगी। &nbsp;मेरी हा सुनकर और जोर से मुझे पेलने लगा. अहहहह उम्म्म फ़फ़फ़ आहहह। ….शशशशश</p>
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  119. <p>बहोत जोर जोर से आज पेल रहा था. काफी देर तक पेला फिर मेरे ही मुँह में पानी डालकर सो गया.</p>
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  123. <p>कुछ दिनों में ही विकास दिल्ली जाने की सारि तैयारी कर ली. उसने कहा की एक अजनबी लड़के से बात हो चुकी है. में बहोत ही डरी हुई थी लेकिन एक आनंद भी था की कुछ नया करने मिलेगा. और पति के सामने चुदवाने का मजा ही कुछ अलग होगा.</p>
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  127. <p>हम दो दिन बाद निकले बिहार से. दिल्ली के एक बड़े होटल में रूम बुक किया था. विकास उस लड़के से बात कर रहा था. मेने सुना की आज रात को ही वो दोनों मिलने का प्लान कर रहे है. मेने अपनी सारि तैयारी कर ली थी. अपने बदन से सारे बाल हटा दिए थे. चुत को भी पूरा साफ कर लिया था. विकास ने कहा था की साड़ी पहना. तो मेने गुलाबी साड़ी और काले रंग का ब्लाउज़ पहना. ब्लाउज़ की दोनों बाजु नहीं थी. इस साड़ी में बहोत ही आलीशान बंगले में रहने वाली औरत लगती थी.</p>
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  131. <p>में मेकउप करके तैयार बैठी थी. करीब १० बज गए थे. कुछ देर बाद विकास ने उस बंदे को फोन करके बुलाया. कुछ ही देर में दरवाजे की बेल बजी. यहाँ मेरी धड़कने बढ़ने लगी. विकास ने दरवाजा खोला. एक लड़का अंदर आया. जैसे दरवाजा बंद हुआ और वो लड़का मेरे सामने आया में देखकर खुश हो गयी. गोरा चिट्टा कॉलेज जानेवाला लड़का. सफ़ेद रंग की शर्ट और नीले रंग की जीन्स पहने हुए. &nbsp;अच्छीखासी बॉडी थी. बिलकुल रणवीर कपूर की तरह दिख रहा था. हलकी सी चेहरे पर दाढ़ी. चेहरे पे मुस्कान. दोनों एक दूसरे को देखते हुए मुस्कुराये. वो लड़का पीछे विकास से कुछ बात करने के लिए मुड़ा, विकास ने धीरी आवाज में उसे हा सुरु हो जायो कहा.</p>
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  135. <p>वो लकड़ा फिर मुड़ा और मेरी तरफ आकर उसने अपना हात बढ़ाकर हेलो कहा. अपना नाम उसने नीरज कहा. मेने भी उसे अपना नाम श्रुति बताय. फिर नीरज ने कहा, श्रुति आप बहोत ही खूबसूरत लग रही हो इस साड़ी में. &nbsp;मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराया, और करीब आकर उसने मेरे दोनों हात पकड़कर मुझे गले से लगा लिया.</p>
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  139. <p>आअह्हह्ह। … एक पराये मर्द को गले लगाना वो भी अपने पति के सामने एक अलग ही अनुभव था, नीरज ने मुझे गले लगाकर अपने दोनों हात मेरे पीठ पर घूमना सुरु किया. मेरा ब्लाउज़ काफी छोटा था और पीछे सब खुला खुला. इस वजसे नीरज का हात मेरी पीठ पर सीधा लग रहा था. पीठ से होकर कमर तक जैसे उसका हात पोहचा, मेरे बदन में आग सी लग गयी. पता नहीं मुझे क्या होने लगा. मेने नीरज को कसकर पकड़लिया.</p>
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  143. <p>फिर नीरज ने मेरी हलचल देखते हुए मेरे गर्दन पे चुम लिया. आआह.. उसके होठ जैसे ही गर्दन पर गहने लगे मेरा शरीर मानो तड़पने लगा. नीरज गर्दन पर चुनते हुए गालो तक पोहच गया. मेरे गालोको चूमते हुए मेरे होठो तक पोहचा और जैसे दोनों के होठ सामने आये. दोनों ने एक नजर एक दूसरे को देखा और होठ से होठ टकरा गए.</p>
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  147. <p>उम् अह्ह्ह्ह उम् उम्म्म। कसकर एक दूसरे को पकड़कर होठ से होठ घिस रहे थे. नीरज ने अपनी जबान मेरे मुँह में दाल दी. जोनो की जबान लड़ने लगी. काफी मजा आ रहा था. शरीर की गर्मी अब चर्म सिमा पे थी. काफी देर तक नीरज मेरे होटोंसे खेल रहा था. फिर सुने मेरे साडी का पल्लू निचे उतर दिया. मेरे मम्मो की बिच की दरार देखकर वो ललचाने लगा. हवस भरी नजरोसे मेरे मम्मो को देख उसका सय्यम टुटा और उसने सीधा अपना मुँह मेरे मम्मो पर रख दिया. ब्लाउज़ के ऊपर से ही दोनों मम्मो को दबा दबाकर बिच की दरार में अपनी जीभ डालकर चाटने लगा. आहहहह अहह. श्श्श. मेने भी उसके सर को पकड़कर उसको गले लगाकर रखा था.</p>
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  151. <p>तभी मेरी नजर मेरे पति विकास पर पड़ी. वो अपनी शर्ट और पैंट दोनों उतारकर सिर्फ अंडरवेर पहने सामने की ख़ुर्शी पर बैठा था. में भूल ही गयी थी के मेरा पति भी इस कमरे में है. विकास मुझे देखते हुए अपने अंडरवेर पर अपना हात घुमाते हुए अपने लंड को मसल रहा था.</p>
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  155. <p>यहाँ नीरज ने मेरा ब्लाउज़ ढीला कर दिया था. मेने अपने ब्लाउज़ की पिन खोली और ब्लाउज़ हटा दिया. अंदर पहना ब्रा देख नीरज उसपर चूमने लगा. कुछ देर ऊपर से ही चूमते हुए उसने ब्रा को ऊपर उठाकर दोनों मम्मो को बहार निकल दिए. में डर गयी, नीरज अब पूरा जानवर बन गया था. ब्रा जैसे ऊपर उठाया, अंदर से बहार निकले दोनों बड़े बड़े मम्मो को देख उससे रहा नहीं गया और सीधा चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा. आअह्ह्ह.. ाहः.. स्स्स्सह्श स्सश्श्श. उम्म्म्म</p>
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  159. <p>मेने भी ब्रा को निकाल दिया और नीरज के लिया रास्ता खोल दिया। मम्मो को जोर जोर से दबा दबा कर उसने तो मेरी हालत ख़राब कर दी. नीरज को चूचियों को चूसते हुए देख ऐसा लग रहा था की काफी दिनों से भूका है. आज मिल गया है तो पागल सा हो गया है.</p>
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  163. <p>मम्मो को चूसने के बाद जब नीरज पीछे हटा, उसने मुझे एक नजर ऊपर से निचे देखा। अपना शर्ट उतरके उसने फिर मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ा और खीचने लगा. में गोल घूमते हुए साडी उतारने लगी.</p>
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  167. <p>जैसे साडी पूरी उतरी में सिर्फ चड्डी पहने नीरज और मेरे पति विकास के सामने खड़ी थी. नीरज ने अपना हाट अपने लंड पर रखते हुए इशारा किया. में इशारा समज़ गयी. उसके सामने निचे बैठी और उसकी पैंट उतारनें लगी. बटन खोलकर जैसे उसकी पैंट निचे खींची, मुझे नीरज के अंडरवेर के अंदर खड़ा लंड दिखने लगा. नीरज की पैंट पूरी निकल के फिर मेने दोनों हतोसे उसकी अंडरवेर पकड़ी और निचे खींचने लगी. जैसे अंडरवेर निचे आयी, अंदर से बड़ा लंबासा नीरज का लंड उछल के बाहर आया.</p>
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  171. <p>अंडरवेर को हटाके जैसे मेने नीरज के बड़े लंड हात में पकड़ा, मुजसे रहा नहीं गया और मेने लंड को सीधा मुँह में लेकर चूसना सुरु किया. आआह. नीरज का लंड काफी गरम था. मुँह में लेखर मेने जबान से चाटने लगी. उम्म्म अम्माम्मा.आआह्ह्ह. नीरज भी कर कराती आवाज में लंड चुसवाने का आनंद लेने लगा. जितना लंड मुँह में जा सके उतना अंदर तक ले लिया। नीरज के दोनों गोटियों को हात में पकड़कर मसलने लगी. मुँह में लंड और हात में गोटिया।</p>
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  175. <p>काफी देर तक लंड को सुने के बाद नीरज हम रुके. नीरज ने मुझे उठाकर बेड पर लिटा दिया. फिर वो ऊपर आकर सूझे होठोंपे चूमने लगा. चूमते चूमते निचे जाने लगा. मम्मो को चूमते हुए मेरी डोढी तक पोहचा, दोधी को चाटने लगा. में तड़पने लगी. आआह्ह। ..इसीसीसीसिस आआहाह सशह्ह्हह्ह इससष। … जबान डोढी पर गोल गोल घुमाकर अंदर डाल रहा था.</p>
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  179. <p>फिर जैसे निचे निचे खिसकने लगा. मेरा तो बदन तड़पने लगा. मेरी जांघ पर जाकर नीरज चूमने लगा. फिर धीरेसे उसने दोनों हतोसे मेरी चड्डी उतर दी. और में मानो पानी पानी हो गयी. मुझे अपने आपको पूरा नंगा होते देख बहोत ही अजीब सा महसूस हो रहा था. नीरज ने मेरी चड्डी निकलतेही मेरे पैर फैलाये और सीधा चुत पे मुँह रखकर चाटने लगा.</p>
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  183. <p>अहहहहह. आहहह. नीरज की जबान चुत के अंदर घूमने लगी. यहाँ मेरे बदन में बिजली घूमने लगी। चुत को चटवाते हुए ४४० वोल्ट का करंट लग रहा था. नीरज ने चुत से निकलने वाले पानी को भी चाट लिया। चुत में एक ऊँगली डालकर रगड़ते हुए चुत को चाट रहा था. चुत की गर्मी दुगनी हो चुकी थी.</p>
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  187. <p>फिर नीरज पीछे हटा, उसने अपना लंड आगे लिया और बड़ा तनहुआ लंड सीधा चुत में घुसेड़ दिया. लंड को चुत में महसूस करना एक अनोखा अनुभव होता है. इसबार तो पराये लंड को चुत में ले रही थी. तो और भी मजा आ रहा था. नीरज ने पूरा लंड चुत में दाल मेरे ऊपर सो गया और वो मुझे चोदने लगा. अहहहहह. िस्स्सस्स उफ्फ्फ्फ़ जोर जोर से लंड को चुत में धकेलकर चोद रहा था. अहहहह। … अहहहहह. लंड और चुत दोनों भी पानी से भर गए थे. वफ्फ आह्हः आअह्हह्हा. अहहहहह।।। बहोत दिन बाद आज फिरसे चुदवाने में मजा आ रहा था.</p>
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  190.  
  191. <p>बहोत देर चोदने के बाद फिर नीरज निचे लेटा और में फिर उसके लंड पर बैठ गयी. फिर उम्र से उछल उछल कर नीरज से चुदवाने लगी. गांड को उठउठाकर लंड अंदर ले रही थी. नीरज मेरी तरफ देखते हुए आह भरने लगा. अहहहहहह. मेरे मम्मो उछल रहे थे. उन्हें देख वो चुदवाने का आनंद ले रहा था.</p>
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  195. <p>काफी देर बाद फिर नीरज ने मुझे घोड़ी बना दिया. पिछेसे गांड पे फटके मरते हुए उसने अपना लंड चुत में दाल दिया और मेरी कमर को पकड़कर फिरसे मुझे चोदने लगा. में झुककर बैठी थी. पीछे से नीरज मुझे चोदे जा रहा था. तभी मेरी नजर सामने बैठे मेरे पति विकास पर पड़ी. वो वह पूरा नंगा होकर अपना लंड हात में पकड़ कर हिला रहा था. मेने उसे जोर जोर से लंड को हिलाते हुए देखा.</p>
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  199. <p>अपने पति के सामने किसी और से चुदवाने का मजा ही कुछ और है. मेने पति की आखो में देखा वो भी मुझे देख जोर जोर से लंड दिला रहा था. तभी उसके लंड ने पानी छोड़ दिया. यहाँ में भी झड़ गयी. अहःअहः आहहहहहह. सससससस ुस्सस्फ्फ्फ्फ़</p>
  200.  
  201.  
  202.  
  203. <p>लेकिन अभी भी नीरज रुका नहीं। नीरज अभी भी मुझे चोदे जा रहा था. काफी देर बाद जब नीरज ने मेरे चुत से लंड बाहर निकला, उसने मुझे तुरंत सीधा किया और मेरे मुँह में लंड देकर सारा पानी मुँह में छोड दिया. में भी प्यासी थी तो में सारा नीरज का पानी पि गयी.</p>
  204.  
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  206.  
  207. <p>तब जाकर नीरज शांत हुआ.</p>
  208.  
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  210.  
  211. <p>उस दिन के बाद से मेरे पति विकास ने ऐसे बहोत से लड़को से मुझे चुदवाया है. दोनों को भी बहोत मजा आने लगा था. हमारा वो जोश फिरसे वापस आ गया था.</p>
  212.  
  213.  
  214.  
  215. <p>कैसी लगी हमारी कहानी जरूर कमेंट करके बताना।</p>
  216. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3832" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3832" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac/">पति ने दिल्ली ले जाकर अजनबी से चुदवाया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  217. ]]></content:encoded>
  218. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac/feed/</wfw:commentRss>
  219. <slash:comments>0</slash:comments>
  220. </item>
  221. <item>
  222. <title>गर्लफ्रेंड को मोबाइल की दुकान में पेला</title>
  223. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6/</link>
  224. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6/#respond</comments>
  225. <dc:creator><![CDATA[Sankalp Chaudhary]]></dc:creator>
  226. <pubDate>Sun, 07 Sep 2025 05:38:17 +0000</pubDate>
  227. <category><![CDATA[गर्लफ्रेंड (Girlfriend)]]></category>
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  229.  
  230. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम राज कुमार है. प्यार से लोग मुझे राज कहते है. कुछ दिनों पहले की बात है. मेरे चाचा ने मुझे फोन किया. में</p>
  231. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6/">गर्लफ्रेंड को मोबाइल की दुकान में पेला</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  232. ]]></description>
  233. <content:encoded><![CDATA[
  234. <p>मेरा नाम राज कुमार है. प्यार से लोग मुझे राज कहते है. कुछ दिनों पहले की बात है. मेरे चाचा ने मुझे फोन किया. में कॉलेज से घर ही आ रहा था. उन्होंने फोन पे बताया की उन्हें कुछ काम से गांव जाना है तो में उनकी दुकान सँभालु. चाचा की में कोई बात नहीं टालता था तो तुरंत हा कर दिया.</p>
  235.  
  236.  
  237.  
  238. <p>दूसरे ही दिन से में दुकान पे बैठने लगा. चाचा की मोबाइल फोन कवर की दुकान थी. छोटीसी दुकान सड़क को लगकर थी. बगल में एसबीआई की बैंक थी. और कोई भी दुकान नहीं थी. दुकान में जगह भी ज्यादा नहीं थी. दो लोग जमीं पर सो सकते है इतनी ही जगह थी. लेकिन दुकान को अछि तरह टाइल्स लगाकर बनाया था. पूरी दुकान में मोबाइल के कवर, चार्जर, हेडफोन ऐसे साडी चीजे लगाकर राखी थी. सामने की तरफ काउंटर था उसके अंदर भी मोबिअल के कवर और बहोत सारि चीजे लगाकर राखी थी. इस वजसे दुकान भरी भरी लगती थी. काउंटर इतना बड़ा था की मेरी कमर तक आता था. इस वजसे दूर से बहार से अंदर देखना मुमकिन नहीं था.</p>
  239.  
  240.  
  241.  
  242. <p>वैसे ज्यादा कस्टमर दिन में नहीं रहते थे. दुपहर १२ बजेसे शामको ५ बजे तक तो कोई भी नहीं आता था. दोपहरको या मोबाईल पे गेम खेलो या गर्लफ्रेंड उर्मिला से बात करो. किसी तरह २ दिन मेने निकल दिए.</p>
  243.  
  244.  
  245.  
  246. <p>तीसरे दिन मेने अपनी उर्मिला से बात करते हुए कहा की दुकान पे दुपहर को आयो. यहाँ बैठ कर बाते करते है. दूपहको वैसे कोई नहीं होता दुकान पे. उसका घर दुकान से करीब आधा घंटा दूर था. तो उर्मिला ने कहा में दुपहर को १ बजे अति हु. तो मेने हा कर दिया.</p>
  247.  
  248.  
  249.  
  250. <p>उर्मिला मिलने आ रही है इसलिए में बहोत खुश था. बहोत दिनोसे उर्मिला को चोदा नहीं था. मुझे उसके बड़े बड़े मम्मो की बहोत याद आ रही थी. उसके मम्मो को दबाने का जो मजा है. वो मनो मेरे लिए टेंशन दूर करनेका जरिया बन गया है. कुछ देर दोनों मम्मो को दबाओ तो सारा टेंशन दूर हो जाता है.</p>
  251.  
  252.  
  253.  
  254. <p>धीरे धीरे वक्त आगे बढ़ते गया. उस दौरान कुछ कस्टमर आये भी. थोड़ी बहोत खरीदारी हुई भी. लेकिन मेरा ध्यान आज सिर्फ उर्मिला पे था. करीब डेड बजे उर्मिला दुकान पर पहोची. उसे मेने अंदर आने को कहा. अंदर सिर्फ दो टेबल थे. मेने एक उसे दिया बैठने के लिए. दोनों के चेहरे पर ख़ुशी थी.</p>
  255.  
  256.  
  257.  
  258. <p>वो थोड़ी शर्मा रही थी. चारोतरफ की चीजे देख उर्मिला बोली, बहोत अछि दुकान है. छोटी है लेकिन काफी सामान भरा है.</p>
  259.  
  260.  
  261.  
  262. <p>तो मेने हां, चाचा सँभालते हे. उनके पापा ने ली थी. वो पहले चलते थे.</p>
  263.  
  264.  
  265.  
  266. <p>हमारी बाते सुरु हुई. बातो बातो में मेने उसका हात पकड़ लिया. उसके कोमल हातो को सहलाते हुए उसके पुरे बदन को ऊपर से टटोल रहा था. वो भूरे रंग की सलवार कमीज पहनकर आयी थी. अपने मम्मो को ओढ़नी से ढक्कर बैठी थी. ओढ़नी की वजसे मुझे उसस्के मम्मो को देखने में परेशानी हो रही थी. उर्मिला को कुछ देर बाद जब पता चला की मेरी नजर उसके मम्मो पर ही घूम रही है.</p>
  267.  
  268.  
  269.  
  270. <p>तो उसने एक अछि गर्लफ्रेंड की तरह खुद ही अपनी ओढ़नी उतर के पास में रखे अपने बैग पर रख दी. ओढ़नी हटते ही मुझे उसके दोनों मम्मो अछि तरह दिखने लगे. बात करते समय उर्मिला थोड़ी झुककर बैठी थी तो ऊपर से में अंदर तक देख प् रहा था.</p>
  271.  
  272.  
  273.  
  274. <p>इतने पास बैठी खूबसूरत उर्मिला की आँखे, गुलाबी होठ और बड़ेबड़े मम्मो को देखकर मेरा लंड पैंट के अंदर खड़ा हो गया. मेने धीरेसे अपने हातोंमे पकडे उर्मिला के हात को अपने लंड पर दबा दिया. उर्मिलाने शरमाते हुए मुझे देखा लेकिन बिना कुछ कहे बाते करते करते उसने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही दबाना सुरु किया। अहह। .अहहहह ,,,, उफ्फ्फ्फ़ आअह्ह्ह</p>
  275.  
  276.  
  277.  
  278. <p>उसका दबाना सुरु हुआ और यहाँ मेरे दूसरा हात मेने उसकी पीठ पर रखा और ऊपर से निचे हात को उर्मिला की पीठ पर घूमते हुए कोमल शरीर का आनंद लेने लगा. अह्ह्ह. उर्मिला। अहहह अहहहहह.. मेरे बढ़ती हुए हलचल को देखकर उर्मिलने जोर से मेरे लंड को दबाना सुरु किया.</p>
  279.  
  280.  
  281.  
  282. <p>मेरा शरीर तपने लगा. मेने दाए हात से उर्मिला के मम्मो को दबाना सुरु किया. जोर जोर से मम्मो को दबाने लगा. एक हात उसकी पीठ पर घूमते हुए दूसरे हात से मम्मो को दबा रहा था. अह्ह्ह. दोनों मम्मो का कोमल स्पर्श मन को शांति देने वाला था. दबाते हुए मेने अपने मुँह को उसकी तरफ किया और दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. होठो को होठ मिलकर चूमना सुरु किया. मम्मो को दबाते हुए में और करीब आ गया.</p>
  283.  
  284.  
  285.  
  286. <p>एक डर था की कोई बहार से देख लेगा. लेकिन दोनों के अंदर अब इतनी हवस भर गयी थी के एक दूसरे को दूर करना नामुमकिन्स सा हो गया था. दोनों एक नजर बहार की और रखते हुए चुम रहे थे. मेरा धीरेसे मेने उर्मिला के कमीज के अंदर डाल दिया और अंदर से ब्रा को दबाकर मम्मो से खेलने लगा. उर्मिला को भी पता था की मुझे उसके मम्मो को दबाना चूसना बहोत पसंद है. उसने मेरी ख्व्याइश पूरी करने केलिए, धीरेसे अपना कमीज ऊपर उठाया और ब्रा के निचेसे मम्मो को बहार निकालकार मुझे चूचियों को चूसने दे दिया. आअह्ह्ह्ह.. उम्म्म उम्म्म्म</p>
  287.  
  288.  
  289.  
  290. <p>दुकान का बाहर का काउंटर उचा था तो बाहर से किसी को कुछ दिखेगा नहीं ये हमें पता था. मेने अपना मुँह झुककर दोनों चूचियों को बारी बारी चूसना सुरु किया। मम्मो को दबा दबाकर उर्मिला का दूध पि रहा था. उम्म्म आअह्ह्ह अहहह… अहहहह उम्म्म्म। .. उर्मिला भी सिसकने लगी. उसके भी मुँह से अहहह की आवाजे आने लगी.</p>
  291.  
  292.  
  293.  
  294. <p>में मम्मो को चूसने में मग्न था तभी अचानक उर्मिला ने मुझे पीछे हटने को कहा. हडबडात में उसने अपना कमीज निचे किया और डरते हुए वो काउंटर के निचे बैठ गयी. मेने बहार की तरफ देखा तो एक अंकल दुकान की तरफ आ रहे थे. में तुरंत उठकर खड़ा हुआ. अंकल आये और बोले मुझे मोबाईल का कवर चाहिए।</p>
  295.  
  296.  
  297.  
  298. <p>मेने ठीक है कहा और कुछ कवर निकल के काउंटर पर रखे. मेरे पैरो के पास ही उर्मिला बैठी थी. उसके मम्मी अभी भी बहार ही थे. चूचिया मुझे दिख रही थी. में यहाँ अंकल से बात कर रहा था. वह निचे उर्मिला की मस्ती सुरु हो गयी. वो मेरे पैंट के ऊपर से लंड को दबाने लगी. पहले से ही मेरा लड़ तना हुआ था. उसपर ये और उसे ललचा रही थी.</p>
  299.  
  300.  
  301.  
  302. <p>अंकल ने मुझे पूछा, ये मोबाईल कवर को खोलके देख देखसकता हु. तो मेने तुरंत कहा, है खोलकर देखो। एकदम कड़क माल है.</p>
  303.  
  304.  
  305.  
  306. <p>उर्मिला को मेरा इशारा समझ आया. उसने मेरी पैंट खोली और उसने लंड को बाहर निकाला, मे दोनों पर फैलाकर अपने लंड को निचे बैठी उर्मिला के मुँह पे एकदम नजदीक ले गया. यहाँ अंकल को कवर दिखते हुए में उर्मिलाकि निचे से होने वाली हरकतों का आनद ले रहा था. उर्मिलाने लंड को कसकर मुठी में पकड़कर हिलाना सुरु किया. आह। .. आह्हः मेरे शरीर में बिजली दौड़ने लगी. अहहह.</p>
  307.  
  308.  
  309.  
  310. <p>यहाँ अंकल भाव तोल पे आने लगे. मेने कहा अंकल सस्ता है ले लो. ये कही पे भी नहीं मिलेगा. तभी अचानक से उर्मिलने लंड को सीधा मुँह में ले लिया। आहाहा। … लंड जैसे ही उर्मिला के मुँह में गया, मेरे आखो के सामने मनो अँधेरा सा छा गया. उर्मिला अपनी जबान लौड़े पे गोल गोल घुमाकर चाटने लगी. वह अंकल सो रुपये पे अटके थे. मेने उनको कहा ठीक है अंकल ले लो.</p>
  311.  
  312.  
  313.  
  314. <p>अंकल ने पैसे निकले और मेरे हाथ में थमा दिए. मेरे हात कप कापरहे थे. अंकल भी मेरे हतोको देख मुझे शक की नजर से देखने लगे. जैसे ही वो चले गए. मुझसे रहा नहीं गया. और मेने दोनों निचे लिए, उर्मिलाका सर दोनों हातोंसे पकड़ा और पच….. पच। ……. पच…… उसके मुँह को चोदना सुरु किया. मेरे अंदर मानो जानवर आ गया था. उर्मिला के मुँह के अंदर लौड़े को ऐसे डाल रहा था जैसे वो उसका मुँह नहीं कोई गड्ढा मिल गया है.</p>
  315.  
  316.  
  317.  
  318. <p>तना हुआ लंड पूरा अंदर तक जा रहा था. उर्मिला के मुँह की थूक से पूरा लंड गिला हो चूका था. अहहह ाहः. उम्म्म अहहहह.. आहाहा</p>
  319.  
  320.  
  321.  
  322. <p>काफी देर बाद में रुका। मेरा लंड उर्मिला की थूक से पूरा गिला होकर लाल टपकाते हुए खड़ा था.</p>
  323.  
  324.  
  325.  
  326. <p>मेने उर्मिला को तुरंत निचे जमीन पर सोने को कहा. और उसे अपनी सलवार भी उतारने को कहा. मुझे उसकी चुत चाटने थी.</p>
  327.  
  328.  
  329.  
  330. <p>उर्मिला निचे सो गयी. उसने अपनी सलवार और चड्डी उतर दी. में उसे सलवार उतारते हुए देख लंड को मसल रहा था. जैसे ही उसने सलवार उतारी , मेने एक नजर बाहर देखकर पक्का करलिया के कोई आ नहीं रहा.</p>
  331.  
  332.  
  333.  
  334. <p>मुड़कर सीधा निचे बैठा, उर्मिला के पैर फैलाये और सीधा अपना मुँह उर्मिला के चुत पर रख चूसने लगा. उम्म्म ोाम्म्म अम्मामा. उर्मिला भी उछलने लगी. उसकी सिसकती हुई आवाजने मुझे भी उत्तेजित कर दिया. में चुत में जबान डालकर चाटने लगा. चुत काफी गरम और चिप चिपि हो चुकी थी. चाटने में बहोत मजा आ रहा था. उम्म्म अहहह. फिर चुत&#8217;को चाटते हुए दोनों हातो से मम्मो को दबाने लगा. अहःअहः ाहाःहाहा. अहःअहः। .. अहह. सससस. ाहः</p>
  335.  
  336.  
  337.  
  338. <p>चुत का पूरा पानी पीकर जब पीछे हटा. उर्मिला की और देखा तो उसकी आँखे भी हवस से भरी थी. मुझे देखते हुए बोली। अब चोद दे मुझे। रहा नहीं जा रहा.</p>
  339.  
  340.  
  341.  
  342. <p>मेने अपना लंड आगे लिया दोनों पैर फैलाकर जगा की और लौड़े के चुत के अंदर घुसेड़ दिया. धक्का देकर पूरा का पूरा लंड चुत में डाल दिया.</p>
  343.  
  344.  
  345.  
  346. <p>लौड़े को पूरा चुत में दाल उर्मिला पे लेटकर चोदना सुरु किया।</p>
  347.  
  348.  
  349.  
  350. <p>अहहहह अहहह. आह<br>शसशहसष अहहह आ.. उफ्फ्फ्फ़</p>
  351.  
  352.  
  353.  
  354. <p>उर्मिला भी आवाज करने लगे. आहाहा. अहहह. ुसस्स…</p>
  355.  
  356.  
  357.  
  358. <p>में जोर जोर से धक्के देने लगा. गिला लंड गीली चुत में अंदर तक जा रहा था. दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ रखा था. निचेसे में धक्के देते हुए चोद रहा था. मेने उर्मिला की आखो में देखा और उसे होठों पर चूमते हुए चोदने में और भी मजा आ रहा था.</p>
  359.  
  360.  
  361.  
  362. <p>अहहह. ाहाहाःहा</p>
  363.  
  364.  
  365.  
  366. <p>काफी देर चोदने के बाद में झड़ने ही वाला था. मेने उर्मिला को कहा में झड़ने वाला हु. आज तेरे मुँह में सारा पानी छोडूंगा. ऐसे कहते हुए में पीछे गया. लंड चुत से बाहर निकला।</p>
  367.  
  368.  
  369.  
  370. <p>उर्मिला को उठाकर सामने बैठाया और उसके मुँह में मेरा लंड दे दिया. वो लंड को चूसने लगी. उसकी जबान लंड पर जैसे लगी, मेरे लंड ने गरम पानी उर्मिला के मुँह में उड़ाना सुरु किया. आहहह. में चिल्लाने लगा. अहःअहः. अहहह. उर्मिला। . अहहहह. उर्मिला भी बड़े चाव से लंड को पूरा मुँह में लेकर घिसते हुए पानी पि रही थी. अहःअहः ाहाहाःहाहा. अहहहह. सससस उफ्फ्फफ्फ्फ़</p>
  371.  
  372.  
  373.  
  374. <p>कुछ देर बाद जब लंड शांत हुआ. में पीछे हटा. उर्मिला पूरा पानी पि गयी थी. हमने कपडे पहने और फिर से टेबल पर बैठ गए. दोनों भी तृप्त हो चुके थे. काफी देर हमने बाते की फिर वो चली गई.</p>
  375.  
  376.  
  377.  
  378. <p>उस दिन ऐसे दुकान के भीतर गर्लफ्रेंड को चोदने में बहूत मजा आया.</p>
  379.  
  380.  
  381.  
  382. <p>कैसे लगी आपको मेरी ये कहानी, कमेंट करके जरूर बताना।</p>
  383. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3822" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3822" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6/">गर्लफ्रेंड को मोबाइल की दुकान में पेला</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  384. ]]></content:encoded>
  385. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6/feed/</wfw:commentRss>
  386. <slash:comments>0</slash:comments>
  387. </item>
  388. <item>
  389. <title>बड़ी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड दोस्त को बेसमेंट में चोदा</title>
  390. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f/</link>
  391. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f/#respond</comments>
  392. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  393. <pubDate>Wed, 03 Sep 2025 04:56:58 +0000</pubDate>
  394. <category><![CDATA[सिक्योरिटी]]></category>
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  396.  
  397. <description><![CDATA[<p>मुंबई की एक बड़ी कंपनी में में सिक्योरिटी गॉर्ड की जगह लगा हु. मेरा नाम सुरेंद्र है. उम्र २४ साल है. बहोत बड़ी काच की</p>
  398. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f/">बड़ी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड दोस्त को बेसमेंट में चोदा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  399. ]]></description>
  400. <content:encoded><![CDATA[
  401. <p>मुंबई की एक बड़ी कंपनी में में सिक्योरिटी गॉर्ड की जगह लगा हु. मेरा नाम सुरेंद्र है. उम्र २४ साल है. बहोत बड़ी काच की बिल्डिंग में काफी सारे कंपनियों के ऑफिस है. मुझे अभी कुछ ही महीने हुए थे. इसलिए ज्यादा लोग मुझे नहीं जानते थे. धीरे धीरे मेरी पहचान बढ़ने लगी. पहले कभी मेने ऐसे बड़ी कंपनी में काम नहीं किया था. इसलिए मुझे सबकुछ अलग ही लग रहा था. अंदर का माहौल ऐसे मानो, आप किसी ऑफिस में नहीं, बड़े मॉल में आये हो. सब कुछ इतना साफ सूत्र.</p>
  402.  
  403.  
  404.  
  405. <p>मुझे बेसमेंट में आने वाली गाड़ियों सही जगह पार्किंग लगवानेका काम था. बेसमेंट भी इतना बड़ा था की १०० गाड़िया खड़ी रह सकती है. पूरा दिन में बेसमेंट में ही रहता था. कुछ ही महोनो में मुझे बेसमेंट का कोना कोना पता चल गया था. घूमते घूमते मेने ऐसी जगह बेसमेंट में ढूंढ ली थी जहा कोई आता जाता नहीं था. कोई कैमरा नहीं था. छोटे से अंदर के रास्तोसे जाना पड़ता था.</p>
  406.  
  407.  
  408.  
  409. <p>यही जगा कभी कभी में जगा अपना लंड हिला लेता था. मुझे नयी नयी जगह जाकर हिलना बहोत पसंद है तो में ऐसी जगह ढूंढते ही रहता था. दिन चले जा रहे थे. फिर कुछ दिन बाद दो सिक्योरिटी गार्ड औरतो से मेरी बातचीत हुई. वो गेट के पास खड़ी रहती थी. दोनों शादी सुधा थी. सिक्योरिटी गार्ड को काले रंग की पैंट &nbsp;और &nbsp;शर्ट पहनी पड़ती थी.</p>
  410.  
  411.  
  412.  
  413. <p>उन शर्ट और पैंट में दोनों भाभियाँ बहोत ही सेक्सी दिखती थी. पहली बार जब मेने उनको नजदीक से देखा तो मेरा ध्यान बार बार उनके मम्मो पर ही जा रहा था. कसके पहने हुए शर्ट में दोनों भाभियो के मम्मे बड़े और गोल दिख रहे थे. उन्हें देखकर किसी का भी मन उन मम्मो को दबानेके हो जायेगा. धीरे धीरे मेने दोनों से बातचीत सुरु की. उसमेसे एक के सात मेरी अछि बनने लगी. उनका नाम था मीरा है. मीरा और में साथ में दुपहर का खाना खाने लगे. उसे मेरी नजर से पता चल गया था की में उसके मम्मो को निहारता रहता हु. लेकिन वो हस के बात को घुमा देती थी.</p>
  414.  
  415.  
  416.  
  417. <p>एकदिन ऐसे ही हम बेसमेंट से होकर पहली मंजिल पर जा रहे थे. बाते करते हुए सीढ़ियों से ऊपर जाने लगे. चलते चलते मेरा हात मीरा के हात को लग रहा था. उसे भी एहसास हुआ लेकिन उसने कुछ कहा नहीं. कुछ देर बाद मीरा ने खुद मेरा हात पकड़ा और हम दोनों हात पकड़ कर ऊपर चलते जा रहे थे. सीढ़ियों पे वैसे भी कोई कैमरा नहीं होता तो किसी के देखने का डर नहीं था. उस दिन माझे पता चला की मीरा भी मेरे तरफ आकर्षित हो रही है.</p>
  418.  
  419.  
  420.  
  421. <p>धीरे धीरे हम नजदीक आने लगे. जब भी मौका मिलता में उसके कंधे पे हात रखता, कभी उसकी कमर पर हात रखकर उससे बाते करता. उसने भी कभी मुझे मन नहीं किया.</p>
  422.  
  423.  
  424.  
  425. <p>हमारी नजदीकियां बढ़नेसे दोनों के एक दूसरे के प्रति देखने का नजरिया भी बढ़ने लगा. एकबार एक रेस्टुरेंट में खाना खाने बैठे थे तब मीरा ने खुद मेरा हात पकड़ा और अपने अपनी तरफ हात को खींच पकड़कर बैठ गयी. बड़े प्यार से मेरे हात को सहलाते हुए मुजसे बाटे कर रही थी. मेरे हात की उलटी तरफ मुझे उसकी जांग का स्पर्श हो रहा था.</p>
  426.  
  427.  
  428.  
  429. <p>मुझे उस दिन पता चला की मीरा भी मेरे नजदीक आना चाहती है. दूसरे ही दिन जब हम दुपहर को खाना खाने बैठे, हम दोनों बड़ी चाहत भरी आखो से एक दूसरे को देख रहे थे. उसने मुझे खाना कहते समय निवाला भी अपने हातोंसे खिलाया.</p>
  430.  
  431.  
  432.  
  433. <p>किसी तरह हमने खाना पूरा किया. फिर हर रोज की तरह सीढ़ियों से निचे उतरने लगे. सीडीओ पे कोई नहीं था. धीरे धीरे बात करते करते उतारते समय मेने अपना हात मीरा के कंधे पे रखा. लेकिन आज मेरा मूड कुछ और ही था. में बात करते हुए मीरा पीठ पर अपना हात ले आया. उसकी पीठ पर अपना हात घूमने लगा. मुझे शर्ट के अंदर उसकी ब्रा की पट्टी हातो को लगने लगी. मीरा थोड़ी सहम गई थी लेकिन मेने अपना काम जारी रखा. मेरा हात उसकी गर्दन से होकर उसकी कमर तक घूम रहा था.</p>
  434.  
  435.  
  436.  
  437. <p>फिर मेने देखा की में ही बोले जा रहा हु और मीरा कुछ बोल ही नहीं रही. तो मेने उसकी कमर को पकड़ा और उसको नजदीक लेते हुए पूछा, क्या हुआ, ऐसे शांत क्यों हो गयी. तो वो शरमाते हुए बोली कुछ नहीं. उसकी आँखे नशीली हो चुकी थी.</p>
  438.  
  439.  
  440.  
  441. <p>मेने सोचा यही मौका है चांस मार लेते है. मेने एक नजर ऊपर की देखकर पुष्टि के कोई आ नहीं रहा. निचेसे भी कोई नहीं आ रहा था. मीरा के कमर प्रे रखे हात को मजबूती से पकड़कर मीरा को अपने नजदीक लिया. वो डर गयी. कहने लगी कोई आ जायेगा. जैसे उसने कहना बंद किया, मेने अपने होठ उसके होठो पे रख दिए और चूमने लगा. मममम अहहं अहाहाः। .उम्मम्मम। &nbsp;कसकर होठो पर चुम्बन लिया. फिर हम चलने लगे.</p>
  442.  
  443.  
  444.  
  445. <p>दोनो भी तप गए थे. थोड़े निचे आने के बाद रास्ता दाई और घूमता था. वह पे भी कोई नहीं था. बड़ी तंग जगह थी. हम जैसे ही वह से गुजरने लगे मेने फिर से मीरा को कमर पे हात रखकर पकड़ा और पास की दीवार पर टिकाके उसे चूमने लगा. मेरे दोनों हात मम्मो पे रखकर दबाते हुए उसे चुम्ब रहा था. अहःअहः ाहः अहःअहः. मीरा भी मुझे चूमने लगी.</p>
  446.  
  447.  
  448.  
  449. <p>जितनी जोर से दबा सकता था उतनी जोर से मेने मीरा के मम्मो को दोनों हातोंसे दबाया. काफी कोमल थे मीरा के मम्मे. चूमते हुए मेरा एक हात निचे की और फिसला और सीधा मीरा की चुत पे चला गया. अह्ह्ह अहहह. चुत के पास की जगह बहुत ही गर्म लग रही थी.</p>
  450.  
  451.  
  452.  
  453. <p>अब में मीरा को चूमते हुए एक हात से उसके मम्मो को दबा रहा था. दूसरे हात से चुत को सहलाने लगा. उसकी पेंट के उपरसेही चुत को मसल रहा था. मीरा के कोमल बदन के स्पर्श ने मेरे लंड ने उछाल मारना शुरू किया था. कुछ भी समज नहीं आ रहा था. मेने उसे कहा मुजसे रहा नहीं जा रहा अभी. कुछ करना पड़ेगा.</p>
  454.  
  455.  
  456.  
  457. <p>मीरा ने पूछा क्या करे फिर. मेने उसे कहा में १० मंजिल पर जा रहा हु. १० वि आखरी थी. ऊपर टेरेस था. तो वहा पे कोई नहीं आता जाता था. वो जगह सही थी.</p>
  458.  
  459.  
  460.  
  461. <p>मेने मीरा को कहा और लिफ्ट से १० वि मंजिल पर पोहच गया. ऊपर जाकर सीडीओ पे बैठ मीरा की राह देख रहा था. सोच सोच में मेरा लंड इतना तन गया था की कब लंड को बाहर निकलू ऐसे लग रहा था.</p>
  462.  
  463.  
  464.  
  465. <p>कुछ देर बाद लिफ्ट का दरवाजा खुलनेकी आवाज आयी. अंदर से मीरा बाहर निकली. मेने उसे ईशरसे ऊपर की और आनेको कहा.</p>
  466.  
  467.  
  468.  
  469. <p>वो मेरे पीछे पीछे ऊपर की और आयी. ऊपर टेरेस का दरवाजा था. जो की बंद था. हम वही पे रुके. मीरा पूछने लगी यहाँ कोई नहीं आता. में यहाँ भरा बैठा था. मेने जवाब देने के बदले सीधा उसको अपने गले से लगा लिया और होठोंको चूमने लगा. मीरा भी अंदर से तप रही थी. उसने भी मुझे कसकर पकड़ा और चूमने लगी. एक दूसरे की जीभ मुँह में रगड़कर हम चुम रहे थे. मेरे दोनों हात मीरा के पीठ से होकर सीधा उसकी बड़ी गांड पे पहोच गए. दोनों हातोंसे गांड को दबाते हुए मेने मजा लेना सुरु किया. उम् आअह्ह्ह अहहह आमम्मा अहहह उम्म्म्म। .. क्या होठ थे मीरा के. और गांड तो मानो रेशमी रुई से बनी इतनी कोमल के दबनेसे मन ही नहीं भरता.</p>
  470.  
  471.  
  472.  
  473. <p>काफी देर होठोंको चूमने के बाद मेने मीरा के शर्ट के बटन खोलना सुरु किया. वो भी हवस भरी नजरोसे मुझे देखते हुए अपना शर्ट निकलने लगी. जैसे शर्ट खुला अंदर के बड़े बड़े मम्मो के दर्शन मुझे हुए. ब्रा में जकड़े मम्मो को देख मुँह में पानी आ गया. मेने तुरंत अपना मुँह मम्मो के बिच की दरार पर दिखाया और चाटने लगा. दोनों हातोंसे मम्मो को दबा दबा कर मजे लेने लगा. मीरा ने मेरी हडबडात देखते हुए अपने मम्मो को ऊपर उठा दिया और चूचियों को मेरे मुँह में दे दिए. मेने तुरंत चूचिया होठोंसे पकड़कर चूसना सुरु किया. अहह. अहहह. उम्मम्मम. मीरा के मुँह से आवाजे आने लगी.</p>
  474.  
  475.  
  476.  
  477. <p>दोनों हातोंसे मम्मो को मसलकर चूस रहा था. मीरा के पति ने मम्मो को दबा दबा कर इन्हे काफी बड़ा कर दिया था. मम्मो का मजा लेकर में पीछे हटा. मेरे पेंट का बटन खोला और घुटनोटक पैंट को निचे उतारकर लंड को बहार निकाला</p>
  478.  
  479.  
  480.  
  481. <p>मेने मीरा की और देखते हुए कहा चुसो न इसे. मीरा कोने में निचे बैठी. में उसके मुँह के तरफ अपना लंड ले गया. मीरा ने लंड को मुठी में पकड़ा और हिलने लगी. आअह्ह्ह। . मीरा के कोमल हातोंका स्पर्श मेरे लिए बहोत ही ज्यादा था. लंड उछाल मारने लगा. मीरा ने मेरे लंड को हिलाते हुए अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.</p>
  482.  
  483.  
  484.  
  485. <p>आहाहा। . मीरा की जबान लंड पर घिसने लगी तो मनो मेरी रूह ने अपना शरीर ही छोड़ दिया ऐसा लग रहा था. में आधी बेहोशी की हालत में पोहच गया था. कुछ समज नहीं आ रहा था के क्या हो रहा है. अब किसी भी चीज का डर नहीं लग रहा था.</p>
  486.  
  487.  
  488.  
  489. <p>मीरा जोर जोर से लंड को हिलाते हुए चूसने लगी. अहहह अहहह..</p>
  490.  
  491.  
  492.  
  493. <p>कुछ देर बाद जब मीरा ने लंड को छोड़ा मेने उसे खड़ा किया. मुझे अब उसकी चुत चाटनी थी. लेकिन वह जगा नहीं थी. तो मेने उसे कहा की सीडीओ पे बैठो और अपनी पैंट निचे कर दो. मुझे तुम्हारी चुत चाटनी है. वो बैठी और अपनी पेंट निचे खींच दी. में उसके फैले पैरो के बिच बैठ उसकी चुत पे अपना हात घुमाने लगा. चुत काफी बड़ी थी और गीली भी हो चुकी थी.</p>
  494.  
  495.  
  496.  
  497. <p>मेने बिना देर किये अपना मुँह चुत पर रखा और चुत को चाटने लगा. उम् उम्मम्मम अम्म्मम्म. अम्मामा. मीरा भी मदहोश होकर आवाजे करने लगी. अहहह ाअहह अहहहह</p>
  498.  
  499.  
  500.  
  501. <p>जीभ को चुत में पूरा डालकर में चाटने लगा. उम्मम्मम उम्म्म्म.. बिच की ऊँगली चुत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. काफी देर चुत का पानी पिने के बाद अब चोदने का वक्त आ गया था.</p>
  502.  
  503.  
  504.  
  505. <p>मेने मीरा को वही सीढ़ियों पे घुमाकर खड़ा किया. मीरा ने अपने दोनों हात सीडीओ पे रखे और झुककर कड़ी हो गयी. आअह्ह्ह। .क्या नजारा था पिछेका.</p>
  506.  
  507.  
  508.  
  509. <p>मीरा की बड़ी गोरी गांड मेरे आंखोके सामने मटक रही थी. मेने प्यारसे गांड को दबाना सुरु किया. अपना मुँह गांड में डालकर चूमा. तब मीरा ने कहा बस करो अभी रहा नहीं जा रहा. चोदो मुझे जल्दी.</p>
  510.  
  511.  
  512.  
  513. <p>उसकी आवाज में वो मदहोशी देखकर मेने तुरंत अपना लंड आगे लिया और धीरेसे चुत में धकेल दिया. लंड गीली चुत में अंदर जाने लगा. पूरा लंड चुत में बैठाकर मेने उसकी कमर कसकर पकड़ी. फिर धीरे धीरे लंड को चुत के अंदर बाहर करते हुए मीरा को चोदना सुरु किया.</p>
  514.  
  515.  
  516.  
  517. <p>अहहहहह. चुत ने लंड को कसकर पकड़ा हुआ था. मजा आने लगा. चुत के अंदर लंड घिसनेकी वजसे और तपने लगा. मेने जोर जोर से धक्के देकर मीरा को चोदना सुरु किया…..अहहह आआह्ह्ह। .. उम्म्म्म आहहह. मीरा भी आवाज करने लगी. आहाहा। ..</p>
  518.  
  519.  
  520.  
  521. <p>दोनों की गर्मी चर्म सिमा तक पहोच गयी थी. आअह्ह्ह्ह आहहहहह।</p>
  522.  
  523.  
  524.  
  525. <p>मेने अपनी गति वधाई और अपनी कमर को मीरा की गांड पे जोर से पटकने लगा. गांड पे परकनेसे आवाज आने लगी। में रुका नहीं और चोदता रहा.. अहहहहहहह</p>
  526.  
  527.  
  528.  
  529. <p>कुछ देर चोदने के बाद जब पानी निकलने वाला था. मेने तुरंत लंड को बाहर खींचा और सारा पानी मीरा की गांड पे उडा दिया. अहहहहह.. लंड सफ़ेद पानी निकाले जा रहा था.</p>
  530.  
  531.  
  532.  
  533. <p>काफी देर बाद जब दोनों शांत हुए. हमने कपडे पहन लिए. जानेके पहले मेने फिरसे मीरा को कसकर गले लगाया. और पूछा दुबारा कब करेंगे. तो वो हसकर बात टालते हुए निचे की और चली गयी</p>
  534.  
  535.  
  536.  
  537. <p>उस दिन बाद से. मेने मीरा को कई बार चोदा है. अब ज्यादा बकवास बाते नहीं करते। सीधा चुदम चुदाई सुरु करते है.</p>
  538. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3818" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3818" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f/">बड़ी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड दोस्त को बेसमेंट में चोदा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  539. ]]></content:encoded>
  540. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f/feed/</wfw:commentRss>
  541. <slash:comments>0</slash:comments>
  542. </item>
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  544. <title>तेज बारिश ने मौका दिया</title>
  545. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be/</link>
  546. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be/#respond</comments>
  547. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  548. <pubDate>Sun, 27 Jul 2025 04:44:31 +0000</pubDate>
  549. <category><![CDATA[ऑफिस (Office)]]></category>
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  551.  
  552. <description><![CDATA[<p>दोस्त की बर्थडे पार्टी में सब नाच रहे थे. अचानक पिछेसे किसी लड़की ने आवाज लगायी ….. &#160;विवेक. में धीरेसे मुड़ा तो रिंकी सामने से</p>
  553. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be/">तेज बारिश ने मौका दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  554. ]]></description>
  555. <content:encoded><![CDATA[
  556. <p>दोस्त की बर्थडे पार्टी में सब नाच रहे थे. अचानक पिछेसे किसी लड़की ने आवाज लगायी ….. &nbsp;विवेक. में धीरेसे मुड़ा तो रिंकी सामने से आते हुए दिखी. रिंकी और में एक ही ऑफिस में काम करते है. रिंकी मेरे पास आयी और कहने लगी, तुम घर जाने के लिए कब निकलने वाले हो? मेने कहा कुछ ही देर में निकलूंगा.</p>
  557.  
  558.  
  559.  
  560. <p>तो रिंकी ने कहा ठीक है, मुझे भी स्टेशन तक छोड़ दो. बारिश भी होने वाली है, मुझे ऑटो नहीं मिलेगी. तो मेने रिंकी को ठीक है कहा. में छोड़ दूंगा.</p>
  561.  
  562.  
  563.  
  564. <p>कुछ देर बाद में अपनी गाड़ी को हॉल के सामने ले आया. अंदर से रिंकी निकली. और गाड़ी में आगे की सीट पे बैठ गयी.</p>
  565.  
  566.  
  567.  
  568. <p>अभी करीब १० बज रहे थे. हम वहा से निकले. रिंकी काफी बाते करने वाली लड़की थी. तो उसने यहाँ वहा की बाते करना सुरु किया.&nbsp;में सिर्फ सुने जा रहा था. रिंक ने वन पीस ड्रेस पहना था जिसमे उसकी जांघ आधी दिख रही थी.</p>
  569.  
  570.  
  571.  
  572. <p>में गाड़ी चलाते चलाते उसे देखे जा रहा था. कुछ देर बाद जोर से बारिश होने लगी. बारिश इतनी तेज थी के रास्ते की पिली लाइट में आगे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. रास्ता पूरा खाली था लेकिन मेने सोचा कुछ देर रुक जाते है. बारिश थम्ब जाये तो निकल पड़ेंगे.</p>
  573.  
  574.  
  575.  
  576. <p>यह सोच कर मेने रिंकी को कहा कुछ देर रुकते है, बारिश में आगे कुछ भी नहीं दिख रहा है. उसने ठीक है कहा. मेने रस्ते के किनारे गाड़िया लगी हुई देखि, वही एक जगह देख गाड़ी रोक दी. आस पास की सारि दुकाने बंद थी. रास्ते पर लाइट थी पर बारिश की बजसे धुंदला सा माहौल हो चूका था.</p>
  577.  
  578.  
  579.  
  580. <p>गाड़ी एक पेड़ के आगे लगाकर हम बारिश रुकने का इंतजार करने लगे. गाड़ी में बैठे हमें बारिश के गिरने की जोर जोर से आवाज आ रही थी. आस पास एक भी इंसान नहीं दिख रहा था.</p>
  581.  
  582.  
  583.  
  584. <p>रिंकी जो बहोत बाते कर रही थी, वो भी धीरे धीरे शांत होने लगी. यहाँ एक लड़की को पास में बैठे देख मेरा मन उछल कूद करने लगा. मेरी नजर कभी रिंकी के गुलाबी होठोंपर जाती तो कभी उसके बड़े मम्मो पर.</p>
  585.  
  586.  
  587.  
  588. <p>रिंकी को भी पता चल गया था की मेरी नजर उसके शरीर पर घूम रही है. वो थोड़ी हिचकिचाट से बात करते हुए मेरी तरफ देख रही थी. दोनो को भी एहसास हो रहा था की माहौल सही है रोमांस करने के लिए.</p>
  589.  
  590.  
  591.  
  592. <p>कभी वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराती तो कभी में उसे देखकर मुस्कुराता. अजीब सी दोनों की हलचल कर रहे थे. उसके झिझकते हुए हातो की उंगलिया देख मुझे लगा कुछ तो करना चाहिए. मेने धीरेसे उसकी तरफ हात बढ़ाया और उसका हात पकड़ लिया. रिंकी थोड़ी सहमी, लेकिन उसने मेरा हात कसकर पकड़लिया</p>
  593.  
  594.  
  595.  
  596. <p>रिंकी की हातोकि गर्मी महसूस कर मुझे एहसास हुआ की रिंकी भी कुछ करने के मूड में आ गयी है. वो आँखे झुकाकर कभी मेरी तरफ देखती तो कभी दूसरी तरफ गाड़ी के बाहर देखती.</p>
  597.  
  598.  
  599.  
  600. <p>उसकी असायता मुझे दिख रही थी. मेने रिंकी का हात कसकर पकड़ा और उसे झटकेसे मेरी तरफ खींच लिया, जैसे उसका मुँह मेरी तरफ मुड़ा मेने तुरंत उसके होठोंपर चुम्बन लेलिया. रिंकी को जैसे मेरे होठ महसूस हुए वो भी अपने हातोंसे मेरे गालोको सहलाते हुए मुझे चूमने लगी. अहहह.. रिंकी के होठ काफी कोमल थे, चूमने में बहोत मजा आ रहा था.</p>
  601.  
  602.  
  603.  
  604. <p>दोनों भी मदहोश होकर एक दूसरेको चुम रहे थे. रिंकी को में हमेशा ऑफिस में देखता था लेकिन कभी ऐसे सोचा नहीं था की उसे चूमने का मौका मिलेगा. रिंकी को चूमते हुए मेरे हात अपने आप उसके मम्मो पर पोहच गए. जैसे मेने मम्मो को दबाना सुरु किया, मेरे लंड ने सलामी दे दी. मेरा लंड पेंट के अंदर कूदने लगा.</p>
  605.  
  606.  
  607.  
  608. <p>अहहहहह… क्या मम्मे थे रिंकी के. दबाते हुए जो मजा आ रहा था. आअह्ह्ह.. क्या बताऊ…. मेने दोनों हातोंसे रिंकी के मम्मो को दबाना सुरु किया… रिंकी आह भरते हुए मुझे चूमे जा रही थी. उम्म्म अहह ममम अम्म्म अहहहहह.. अहःअहः</p>
  609.  
  610.  
  611.  
  612. <p>कुछ देर चूमने के बाद जब दोनों पीछे हुए दोनों बड़ी बड़ी सास ले रहे थे. बिखरे बाल और हवस से भरी आँखे एक दूसरे को देख रही थी. बाहर अभी जोर से बारिश चल रही थी.</p>
  613.  
  614.  
  615.  
  616. <p>मेने रिंकी की और देखते हुए वो बैठी हुई सीट को पिछेसे बटन दबाकर सीधा लेटने वाली सीट में बदल दिया. रिंकी उसी सीट पर लेट गयी, में सीधा उसपर आकर लेटा और फिर से हम एक दूसरे को चूमने लगे. दोनों के शरीर भट्टी की तरह तप रहे थे.</p>
  617.  
  618.  
  619.  
  620. <p>रिंकी को चूमते हुए मेने उसका वन पीस ड्रेस कंधेसे से निचे कर दिया. रिंकी का ड्रेस निचे होते ही उसका ब्रा दिखने लगा. काफी छोटा ब्रा पहना था. मम्मी ऊपर से बहार आ रहे थे. मम्मो की बिच की दरार देख मुँह में पानी आ गया. बिना सोचे सीधा मुँह दरार में डाल जीभ से चाटने लगा. मम्मो को ऊपर से चूमने लगा. आहहह अहहह. अहःअहः.. मम्मो को दबाते हुए ब्रा को निचे खिसकादिया. जैसे ही चूचिया सामने आयी, तुरंत चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा. आहहह . मम्मो को जोर जोर से दबाते हुए चूचियों को चूस रहा था.</p>
  621.  
  622.  
  623.  
  624. <p>रिंकी भी मुँह से आवाज करने लगी. अहहह अहःअहः… विवेक आअह्ह्ह हाहाःहाह.. चूस लो आज पूरा… मेरे दोनों हात मम्मो को दबाते हुए मजे ले रहे थे और दोनों चूचिया में चूस चूस कर उसका दूध पि रहा था.</p>
  625.  
  626.  
  627.  
  628. <p>काफी देर चूचियों को चूसने के बाद, रिंकी और में पीछे की सीट पर आकर बैठे. मेरा लंड बाहर आने के लिए तड़प रहा था. मेने तुरंत अपनी पैंट खोली, चैन निचे उतारी और पैंट को निचे खींच लंड को बाहर निकाल दिया. रिंकी मेरे उछलते हुए बड़े लंड को देखकर चौक गयी. मेने उसकी तरफ देखा और उसका हात पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. रिंकी ने लंड को मुठी में जकड़ा और वो लंड को ऊपर निचे हिलने लगी. अहहहहहह. लड़की के कोमल हातोंमे लंड देने का मझा ही कुछ और है. रिंकी ने कुछ देर जोर जोर लंड हिलाया और फिर अपनी झुलफो को पीछे कर वो झुकी और उसने मेरा लंड मुँह में लेलिया.</p>
  629.  
  630.  
  631.  
  632. <p>आहहह… लंड पर जब रिंकी की जबान घूमने लगी, अहःअहः. मेरा मुँह खुला रह गया. रिंकी बड़े प्यार से मेरा लंड चूस रही थी. में उसकी झुल्फे हातोंसे हटाकर उसे अपने लंड को चूसते हुए देखने लगा. अहह अहहह.. श्श्श ष्ष्हशश अहःअहः. अहःअहः.. क्या मस्त चूस रही थी रिंकी….</p>
  633.  
  634.  
  635.  
  636. <p>पूरा लंड चूस चूस के गिला कर दिया. फिर वो पीछे हटी. मुजसे अभी और रुका नहीं जा रहत था. मेने उसे सीट पर सुलाया. और उसके पैर फैलाये, सामने उसकी ड्रेस दिखी वो ऊपर किया और अंदर दिख रही चड्डी को खींचकर निकल दिया.</p>
  637.  
  638.  
  639.  
  640. <p>जैसे रिंकी की चड्डी निकली उसकी चुत सामने देख में कुत्ते की तरह लाल टपकाने लगा. मेने रिंकी के पैर फैलाकर सीधा उसकी चुत में अपनी जबान डाली और चुत को चाटने लगा. अहहहह अहहह यह. श्श्श्श ष्ष्हष्ष उम्म्म अहममम</p>
  641.  
  642.  
  643.  
  644. <p>रिंकी की चुत काफी गरम और गीली थी. ऊपर से निचे तक चुत पर जबान घिसते हुए पूरी चुत को चाट लिया. एक ऊँगली चुत में डाली और चुत के अंदर बाहर करने लगा. अहहह अहहह… आहाहा. रिंकी तड़पने लगी. अहःअहः.. अहहहह. गिरती हुए बारिश में चुत चाटने का मजा ही कुछ और है.</p>
  645.  
  646.  
  647.  
  648. <p>चुत को चाटने के बाद मेने लंड को आगे किया, धीरे से चुत में लंड को धकेला, रिंकी थोड़ी हड़बड़ाई, क्यूंकि लंड काफी बड़ा और मोटा था. आसानीसे चुत में जा नहीं पा रहा था.</p>
  649.  
  650.  
  651.  
  652. <p>धीरे धीरे मेने लंड को चुत में अंदर बाहर करना सुरु किया. बहोत मजा आने लगा. रिंकी की दोनों गोरी जांग पकड़कर लंड को चुत में धकेल रहा था. अहह ाहः अहहह. अहःअहःआहहहह. आआहाह.</p>
  653.  
  654.  
  655.  
  656. <p>लंड अब पूरा चुत में जा रहा था. अहहहह अहहह अहःअहः. श्श्श सशष्ष्ह्स. अहहहाआ. गाड़ी में चोदने में इतना मजा आएगा कभी सोचा नहीं था. अहह अहःअहः… अह्हह्ह्ह…. अहःअहः</p>
  657.  
  658.  
  659.  
  660. <p>कुछ देर बाद मेरा पानी निकलने वाला था. मेने तुरंत लंड को बाहर खींचा और पानी की बौछार कर दी. गाड़ी में निचे सारा पानी गिर पड़ा.</p>
  661.  
  662.  
  663.  
  664. <p>दोनों भी हांफते हुए सीधे सीट पर बैठे. एक दूसरे को देखकर कपडे पहनने लगे.</p>
  665.  
  666.  
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  668. <p>दोनों के आखो में एक दूसरे के लिए प्यार उमड़ आया. कपडे पहनते हुए फिर से एक बार हमने होठोंपे चुम्बन लिया.</p>
  669.  
  670.  
  671.  
  672. <p>बारिश रुक गयी थी. हम वाहा से निकले. मेने रिंकी को घर तक छोड़ा.</p>
  673.  
  674.  
  675.  
  676. <p>उस दिन के बाद में रिंकी को काफी बार होटल रूम में ले जाकर चोदा हु.</p>
  677. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3805" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3805" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be/">तेज बारिश ने मौका दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
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  683. <title>पापा ने मम्मी को अपने दोस्त को थमा दिया</title>
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  687. <pubDate>Wed, 23 Jul 2025 06:57:42 +0000</pubDate>
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  689. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=3800</guid>
  690.  
  691. <description><![CDATA[<p>सुबह की बात थी. पापा ने मुझे बाहर से आवाज लगायी. अर्जुन स्कूल नहीं जाना. जल्दी उठो. में पापा से बहोत डरता था तो आवाज</p>
  692. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d/">पापा ने मम्मी को अपने दोस्त को थमा दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  693. ]]></description>
  694. <content:encoded><![CDATA[
  695. <p>सुबह की बात थी. पापा ने मुझे बाहर से आवाज लगायी. अर्जुन स्कूल नहीं जाना. जल्दी उठो. में पापा से बहोत डरता था तो आवाज सुनते ही जल्दी से उठकर नहाने चला गया. आधे घंटे में तैयार होकर, स्कूल की बैग लेकर में घर से निकल पड़ा. जैसे ही में घर से निकल रहा था, मेने देखा अनुपम भैया सामने से हमारे घर की और ही आ रहे थे. अनुपम भैया पापा के अच्छे दोस्त थे. वो हमारे घर काफी बार आ चुके थे. हफ्ते में २ से ३ बार तो घर आते ही थे.</p>
  696.  
  697.  
  698.  
  699. <p>उन्होंने मुझे देखा और पूछा स्कूल जा रहे हो. मेने कहा, हां भैया स्कूल जा रहा हु. अनुपम भैयाने तुरंत अपने पेंट के जेब से १० रुपये निकाले और मेरे हाथो में थमाए और बोले मम्मी को नहीं बताना. में १० रुपये देख खुश हो गया. मेने कहा, हां भैया नहीं बतायूंगा.</p>
  700.  
  701.  
  702.  
  703. <p>&nbsp;भैया से कहकर में स्कूल की और निकल पड़ा. भैया घर चले गए.</p>
  704.  
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  706.  
  707. <p>में आधे रास्ते पोहचा ही था के मेरा दोस्त अभिषेक मुझे मिला. उससे बात करते हुए मुझे पता चला की आज गणित की किताब भी ले अणि थी. गणित के सर आज परीक्षा लेने वाले है. सर बहोत ही खड़ूस थे. अगर में किताब नहीं ले गया तो मुझे स्कूल से निकल देंगे.</p>
  708.  
  709.  
  710.  
  711. <p>मेने तुरंत रुककर अपनी बैग देखि तो पता चला की गणित की किताब में घर ही भूल गया हु. मे बिना सोचे घर की तरफ फिर से मुड़ा और भागकर घर तक पोहचा. घर के बाहर आया तो पापा घर के बाहर ही खड़े थे. पापा मुझे देख चौक गए. मुझे पूछने लगे वापस क्यों आया तू. मेने सारि बात बताई. लेकिन पापा ने मुझे घर के अंदर जाने से मना कर दिया. मुझे बोले मम्मी कुछ काम कर रही है अभी अंदर नहीं जा सकते</p>
  712.  
  713.  
  714.  
  715. <p>मेने पापा से पूछा आप बाहर क्या कर रहे हो. तो बोले में मम्मी का काम ख़तम होने का इंतजार कर रहा हु.ऐसे कहकर पापा ने मुझे वह से जाने के लिए कहा. मुझे कुछ समज नहीं आ रहा था के क्या हो रहा है.</p>
  716.  
  717.  
  718.  
  719. <p>में वापस स्कूल की और जाने के लिए पलटा ही था के घर के अंदर से मम्मी की सिसकनेकी आवाज आने लगी. अहा अहह. स्श अहहह. … मम्मी की पैर की पायल की छन छनती आवाज काफी तेजीसे आ रही थी. मेने मुड़कर पापा से पूछा मम्मी कुछ तकलीफ में है.</p>
  720.  
  721.  
  722.  
  723. <p>तो पापा बोले। ….. अरे… नहीं …… बेटा वो अपने काम को जल्दी से ख़तम करने की कोशिश में हे इसलिए ऐसी आवाज कर रही है. तुम जाओ स्कूल जल्दी से नहीं तो स्कूल का गेट बंद हो जायेगा. .</p>
  724.  
  725.  
  726.  
  727. <p>में उस दिन निकल गया स्कूल. लेकिन मुझे अभी भी शक था की कुछ तो गड़बड़ है.</p>
  728.  
  729.  
  730.  
  731. <p>में घर में होने वाली हर एक हलचल पर नजर रखने लगा. काफी दिनों तक तो कोई भी ऐसी बात नहीं हुई जिससे&nbsp;मुझे कुछ पता चले.</p>
  732.  
  733.  
  734.  
  735. <p>लेकिन कुछ दिन बाद जब में बाथरूम में नाहा रहा था. तो मुझे बाहर पापा और मम्मी की बाते सुनाई दी. पापा मम्मी को कह रहे थे आज अनुपम आने वाला है. दोनों की वही बाते चल रही थी.</p>
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  738.  
  739. <p>मेने सोचा यही मौका है पता लगानेका.</p>
  740.  
  741.  
  742.  
  743. <p>मेने तुरंत नाहा लिया, और अपने कमरेमे जाकर स्कूल के कपडे पहन लिए. पापा कम्मी किचेन में बाते कर रहे थे. मेने उनको कहा मि जा रहा हु स्कूल.</p>
  744.  
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  746.  
  747. <p>ऐसी कहकर में किचेन से बाहर निकला. और जैसे में बहार आया, में दबे पाव मम्मी पापा के कमरेमे चला गया. उनके कमरेमे जो बड़ी अलमारी थी उसमे छुप गया.</p>
  748.  
  749.  
  750.  
  751. <p>कुछ देर बाद दरवाजे की घंटी बजी. फिर मुझे अनुपम अंकल की आवाज आने लगी. वो घर आ गए थे.</p>
  752.  
  753.  
  754.  
  755. <p>फिर कमरेमे कोई आनेकी आवाज आयी. पायल की आवाज से लगा मम्मी शायद कमरेमे आ गयी है. उसके पीछे पीछे अनुपम अंकल भी कमरे में मम्मी से कुछ बाते करते हुए अंदर आये.</p>
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  758.  
  759. <p>मम्मी और अनुपम अंकल की बाते चल ही रह थी के पापा भी कमरे में आये. उन्होंने कमरे में आकर कहा की में एक काम से बहार जा रहा हु. १ घंटे बाद आयूँगा ऐसी कहकर पापा चले गए. मुझे बहार का दरवाजा बंद करने की आवाज भी आयी.</p>
  760.  
  761.  
  762.  
  763. <p>अब कमरे में मम्मी और अनुपम अंकल ही थे. कुछ देर तक तो बाते चल रही थी लेकिन अचानक से कमरेमे पूरा सननाटा सा छा गया. मुझे समज़ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है. कुछ देर बाद मम्मी की सिसक सिसक कर सास लेने की आवाज आने लगी. पायल की आवाज धीमी धीमी सुनाई दे रही थी. आह अहह. की आवाज भी आने लगी.</p>
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  767. <p>आवाज सुनकर लगा की अभी भी दोनों कमरे में ही है.</p>
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  769.  
  770.  
  771. <p>मुझे बाहर क्या हो रहा है देखनी की बहोत इच्छा हो रही थी. लेकिन अलमारी का दरवाजा खोलने में डर भी लग रहा था. कुछ देर तक में ऐसे ही अल्मारिसे आवाज सुनते हुए खड़ा रहा.</p>
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  773.  
  774.  
  775. <p>लेकिन फिर मम्मी की सिसकने की आवाज बढ़ने लगी. मुजसे रहा नहीं गया और मेने धीरेसे अलमारी का दरवाजा खोला और दरार से बहार की और देखने लगा.</p>
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  778.  
  779. <p>तब जो मेने सामने देखा देखकर में दंग रह गया.</p>
  780.  
  781.  
  782.  
  783. <p>अनुपम अंकल माँ के चूचियों को चूस रहे थे. मम्मी बिना ब्लाउज़ की कड़ी थी. सदी उतर गयी थी और निचे सिर्फ चड्डी दिखाई दे रही थी. दूसरी तरफ अनुपम अंकल चूचियों को दबा दबाकर चूस रहे तो और मम्मी आह भर रही थी.</p>
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  787. <p>अनुपम अंकल के भी कपडे उतर गए थे. वो सिर्फ अंडरवेर पर खड़े थे.</p>
  788.  
  789.  
  790.  
  791. <p>ये सब देखकर मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी. मुझे कुछ देर तक कुछ समज नहीं आया के ये सब क्या हो रहा है.</p>
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  794.  
  795. <p>में शांत अलमारी खड़ा रहकर देखता रहा.</p>
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  798.  
  799. <p>अनुपम भैया ने फिर मम्मी को अपने सामने निचे बिठाया. माँ भी तुरंत निचे बैठी और अनुपम भैया के अंडरवेर पर हात घूमने लगी. वो सीधा अनुपम अंकल के लवडे पर हात घुमा रही थी. फिर धीरेसे माँ ने अंडरवेर को निचे खींचा, अनुपम अंकल का बड़ा लंड बाहर निकला. अंडरवेर निकल कर दूर कर दी और मम्मी ने सीधा लंड को हात में लेकर हिलना सुरु किया. वो लंड को पास से देखते हुए जोर जोर से हिलने लगी. उसे जरा भी डर नहीं लग रहा था की किसी पराये मर्द का लंड अपने हात में पकडे है.</p>
  800.  
  801.  
  802.  
  803. <p>यहाँ तक तो ठीक था, मेरे होश तो तब उड़े जब मम्मी ने लंड को हिलाते हुए झटसे अनुपम भैया के लवडे को सीधा मुँह में ले लिया. इतना नहीं नहीं लंड पूरा का पूरा वो मुँह में लेकर चूसने लगी.</p>
  804.  
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  806.  
  807. <p>मम्मी को ऐसा कर देखकर यहाँ मेरा मुँह खुला रह गया. मम्मी बहोत चाव से लंड को चूस रही थी. मुँह में लवडे को अंदर बाहर कर रही थी.</p>
  808.  
  809.  
  810.  
  811. <p>भैया के दोनों गोटो को दबाकर लवडे को चूस रही थी. माँ को देख ऐसा लग रहा था की उसे बहोत आनंद आ रहा है. उसे ऐसा कर देख यहाँ मेरा भी लंड खुजलाने लगा. मेने अपने पैंट में हात डालकर अपने लंड को खुजलाना सुरु किया…..</p>
  812.  
  813.  
  814.  
  815. <p>वह अनुपम भैया जोर जोर से आह भरे जा रहे थे. उनको काफी मजा आ रहा था….</p>
  816.  
  817.  
  818.  
  819. <p>काफी देर तक लंड को चूसने के बाद अनुपम भैया ने माँ को उठाया और पलंग पे लिटा दिया. लिटाकर सीधा माँ की चड्डी को खींचकर उतर दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया.</p>
  820.  
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  822.  
  823. <p>फिर पलंग के किनारे खड़े होकर माँ के पैर फैलाये और सीधा चुत पे मुँह रखकर चुत को चाटने लगे.</p>
  824.  
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  826.  
  827. <p>जैसे ही अनुपम भैया चुत पे अपनी जबान घूमने लगे मम्मी पलंग पे तड़पने लगी. उसकी मदहोश हरकते देख मेरा मन मचलने लगा. मेने यहाँ पैंट का बटन खोला और पैंट निचे उतार कर लंड को बाहर निकला. माँ को देखे हुए में भी लंड हिलने लगा. माँ बिना कपड़ो के काफी सुन्दर देख रही थी.</p>
  828.  
  829.  
  830.  
  831. <p>फिर चुत के साथ खेलने के बाद अनुपम भैया ने अपना लंड आगे लाया और खड़े खड़े ही माँ की चुत में लंड डालकर वो उसे चोदने लगे.</p>
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  834.  
  835. <p>माँ जोर जोर से आवाज करने लगी. अहहहाआ अहहह अहहह ष्ष्स अहःअहः श्श्श्श ासशश। …</p>
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  838.  
  839. <p>उसकी आवाज सुन ऐसे लगा के में भी एक बार माँ को चोदू। ……. अनुपम भैया जोर जोर से माँ को चोद रहे थे. उनका खड़ा लंड माँ के अंदर पूरा जा रहा था.</p>
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  842.  
  843. <p>मेने पहले किसो को चोदते हुए देखा नहीं था. वीडियो में सिर्फ देखा था. ऐसे सामने देखने में और भी मजा आ रहा था. और वो भी अपनी ही माँ को चोदते हुए देखना एक अलग ही अनुभव था.</p>
  844.  
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  847. <p>काफी देर माँ को चोदने के बाद अनुपम भैया उठे और खुद पलंग पर सो गए. उन्होंने माँ को लंड पर बैठने कहा. माँ तुरंत उठकर लवडे पर चढ़ गयी. लंड को हातो से चुत में डालकर उछल ने लगी. अहह अहह अहा… अनुपम भैया आवाज करने लगे. अहह अहहह अहह. श्श्श ष्ष्श शश. अहहह अहह…</p>
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  850.  
  851. <p>माँ की जवानी आज मुझे देखनी मिली थी. बड़े मजे लेकर चुदवा रही थी. बड़े बड़े मम्मे ऊपर उछल रहे थे. दोनों भी मदहोश होकर चुदवा रहे थे.</p>
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  855. <p>थोड़ी देर बाद मम्मी भैया के ऊपर से उतर गयी. पलंग पर वो लेटी और अनुपम भैया उपर आकर माँ के उपर सो गए. उन्होंने लवडे को माँ की चुत में घुसाया और चोदने लगे.</p>
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  858.  
  859. <p>अहहहह.. इस बार दोनों भी पूरी जोश में चुदवा रहे थे. दोनों के मुँह से आह.. शशशशश.. ष्ष्श. आवाजे आ रही थी. में उनकी हवस देख और भी तप गया था. मेने भी जोर जोर से अपना लंड हिलना सुरु किया. अनुपम भैया माँ को चूमते हुए जोर जोर से लंड को माँ की चुत में धकेल रहे थे.</p>
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  862.  
  863. <p>मेने भी अपने लंड को कसकर पकड़ लिया था और जोर जोर से हिला रहा था. अहह अहहह हहहा हाहाहा अहहहह। …</p>
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  867. <p>कुछ देर बाद अनुपम भैया ने जोर से सास लिया। उनका बदन अकड़ गया और लंड को चुत में ही रखकर वो हाफने लगे. शायद उनका पानी निकल गया. यहाँ मेरे भी लंड ने जोरसे पानी की बौछार कर दी. ऐसे लगा की गरम पानी की धार निकल रही है. अलमारी के दरवाजेपर सफ़ेद रंग पोत दिया.</p>
  868.  
  869.  
  870.  
  871. <p>अनुपम भैया कुछ देर माँ के ऊपर लेटे रहे और फिर वो अपने कपडे पहनकर निकल गए. माँ भी अपने कपडे पहनकर बहार निकल गयी. में फिर धीरेसे वह से निकला. और माँ जैसे बाथरूम में चली गई में घर से बाहर निकल गया.</p>
  872.  
  873.  
  874.  
  875. <p>शामको स्कूल छूटने के वक्त घर आया. ऐसे बर्ताव कर रहा था जैसे मुझे कुछ पता ही नहीं.</p>
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  879. <p>माँ को दिखा तो वो बहोत खिल खिलाते हुए पापा से बाते कर रही थी. काफी खुश लग रही थी.</p>
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  883. <p>मुझे अभी भी नहीं पता था के पापा और मम्मी क्यूँ ये सब कर रही है.</p>
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  885.  
  886.  
  887. <p>आपको अगर पता है तो कृपया कमेंट में मुझे बता देना</p>
  888. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3800" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3800" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d/">पापा ने मम्मी को अपने दोस्त को थमा दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  889. ]]></content:encoded>
  890. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d/feed/</wfw:commentRss>
  891. <slash:comments>0</slash:comments>
  892. </item>
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  894. <title>पडोसी आंटी ने सिखाया प्यार कैसे करना है</title>
  895. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a1%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be/</link>
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  897. <dc:creator><![CDATA[Sankalp Chaudhary]]></dc:creator>
  898. <pubDate>Mon, 21 Jul 2025 08:26:38 +0000</pubDate>
  899. <category><![CDATA[आंटी]]></category>
  900. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=3797</guid>
  901.  
  902. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम श्याम है में कॉलेज में पढता हु. कुछ ही महीनो पहले हमारी फॅमिली अल्ल्हाबाद आ गयी थी. पापा इंजीनियर है तो उन्हें काम</p>
  903. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a1%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be/">पडोसी आंटी ने सिखाया प्यार कैसे करना है</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  904. ]]></description>
  905. <content:encoded><![CDATA[
  906. <p>मेरा नाम श्याम है में कॉलेज में पढता हु. कुछ ही महीनो पहले हमारी फॅमिली अल्ल्हाबाद आ गयी थी. पापा इंजीनियर है तो उन्हें काम के सिलसिले में अलग अलग जगह जाकर रहना पड़ता था. तो वो हमें भी साथ ही ले जाते है.</p>
  907.  
  908.  
  909.  
  910. <p>इसदौरांत हमारी पड़ोसन रीना आंटी से मेरी मुलाकात पास के एक दुकान पे हुई. वो कुछ सामान लेने आई थी. में दूध और ब्रेड लेने गया था. तो उनके पास छुट्टे पैसे नहीं थे तो मेने उनको पैसे दिए. तभी हमारी थोड़ी सी बातचीत हुई. मेने उनको घर के पास आते जाते देखा था. लेकिन उनका घर हमारे घर के पीछे की तरफ था तो इतना मिलना नहीं हो पाता था.</p>
  911.  
  912.  
  913.  
  914. <p>जैसे जैसे दिन बीतने लगे. हमारी मुलाकात ज्यादा बार होने लगी. रीना आंटी ने मुझे अपने बारेमे बताना सुरु किया. वो मुजसे काफी प्यार से बात कर रही थी. घर तक चलकर आते समय हमने एक दूसरे के बारेमे सबकुछ जानना सुरु किया. रीना आंटी ये जानकर खुश हुई की में कॉलेज में पढता हु.</p>
  915.  
  916.  
  917.  
  918. <p>घर पास आते ही वो अपने रास्ते चली गयी और जाते जाते कहकर गयी की मिलते है फिर.</p>
  919.  
  920.  
  921.  
  922. <p>जैसे वो आगे जाने लगी. मेरी नजर आंटी के पीठ से होकर निचे गांड तक घूमती हुई उन्हें टटोलने लगी. आंटी साड़ी में काफी खूबसूरत लग रही थी. पास से आंटी के वो बड़े बड़े मम्मो को देख तो ऐसा लग रहा था की एक बार तो इन मम्मो को चूसने का अवसर मिल जाये. तो मजाहि आ जाये.</p>
  923.  
  924.  
  925.  
  926. <p>आंटी धीरे धीरे नजरोसे दूर हो गयी लेकिन मेरे अंदर आग जलाकर चली गयी.</p>
  927.  
  928.  
  929.  
  930. <p>अब में हरोज सुभह दूध लेने निकलता और दुकान के पास खड़ा आंटी के आने की राह देखता. आंटी ठीक उसी वक्त दुकान पे आती. फिर हम सामान लेकर घर की तरफ निकलते.</p>
  931.  
  932.  
  933.  
  934. <p>आंटी से बातचीत में और एक बात पता चली के आंटी के पति पायलेट है. वो हफ्तों तक घर से बाहर रहते है. आंटी घर में अकेली ही रहती है. और आंटी और उनके पति भी कुछ ही महीनो पहले यहाँ पे आये है. इस वजसे उनको भी यहाँ कोई नहीं जानता.</p>
  935.  
  936.  
  937.  
  938. <p>मुझे ये बात जानकर और भी ज्यादा ख़ुशी हुई. कुछ ही दिनों में आंटी मुजसे काफी खुलकर बाते करने लगी.</p>
  939.  
  940.  
  941.  
  942. <p>एक दिन ऐसे ही बाते करते समय आंटी ने मुझे पूछा आज क्या कर रहे हो. तो मेने कहा कुछ नहीं घर पर ही रहूँगा.</p>
  943.  
  944.  
  945.  
  946. <p>तो हो सके तो घर आ जाना दुपहर को. मेरे पति अगले सोमवार को आ रहे है. में पूरा दिन अकेले घर पर बोर हो जाती हु. तुम आजाना घर पर बाते करते है.</p>
  947.  
  948.  
  949.  
  950. <p>में ये सुनकर काफी खुश हुआ. मेने तुरंत हा कह दिया. आंटी फिर चली गयी और में घर आ गया.</p>
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  952.  
  953.  
  954. <p>घरपर पापा नहीं थे. में आकर सोफे पे लेट गया और मोबाइल में गेम खेल रहा था. गेम खेलते हुए ये सोच रहा था की माँ को क्या बताऊ. दुपहर को अगर घर में नहीं दिखा तो दस सवाल पूछेगी.</p>
  955.  
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  957.  
  958. <p>में सोच में ही था तभी माँ अंदर के कमरे से बाहर निकली और बोली आज में दुपहर को अपने सहेली के घर जा रही हु. तो शाम को ७ बजे तक वापस आयूंगी</p>
  959.  
  960.  
  961.  
  962. <p>माँ की वो बात सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. मेने धीरी आवाज में माँ को ठीक है माँ कहा.</p>
  963.  
  964.  
  965.  
  966. <p>चलो अब घर पर कोई नहीं होगा तो में आसानीसे आंटी के घर जा पाउँगा।</p>
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  968.  
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  970. <p>कुछ ही देर बाद माँ निकल गयी.</p>
  971.  
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  973.  
  974. <p>मेने कुछ देर रहा देखि. और सीधा अपने कमरे में जाकर नए कपडे पहनकर तैयार हो गया. जीन्स और टीशर्ट पहन लिए. खुसबूदार अत्तर लगाकर में घर से निकल पड़ा.</p>
  975.  
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  977.  
  978. <p>१० मिनट में आंटी के घर के बाहर में खड़ा था. दरवाजे की घंटी बजायी. थोड़ी ही देर में आंटी ने दरवाजा खोला. वो मुझे देखकर खुश हुई. उन्होंने मुझे अंदर आने दिया.</p>
  979.  
  980.  
  981.  
  982. <p>जैसे ही अंदर आया आंटी का घर देख में चौक गया. काफी आलीशान घर था. आंटी को मेने कहा आपका घर तो बहुत सुन्दर है. आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा. हा बड़ा तो है. अभी तो तुमने सिर्फ बाहर से देखा है. अंदर से देखोगे तो तुम्हारी आँखे देखती ही रह जाएगी.</p>
  983.  
  984.  
  985.  
  986. <p>आंटी की ये बात सुनकर पहले तो मुझे समज नहीं आया के क्या कहना चाहती थी. थोड़ा सा डर भी लग रहा था. लेकिन में अब घर में तो आ ही गया था. जो भी होगा अब देखा जायेगा.</p>
  987.  
  988.  
  989.  
  990. <p>में सोफे पर बैठा. घर को बैठे बैठे ही देख रहा था. आंटी अंदर से मेरे लिए सरबत ले आयी. जैसे ही उन्होंने मेरे हात में सरबत थमाया, उनका साड़ी का पल्लू निचे खिसका. आंटी के बड़े बड़े मम्मो की बिच की दरार खुलकर मेरे आंखोके सामने आयी. एक पल तो लगा जैसे कोई सेक्स फिल्म आखो के सामने चल रही है. आंटी ने नखरीली आवाज से अपना पल्लू ऊपर लिया.</p>
  991.  
  992.  
  993.  
  994. <p>मेरी आखो के सामने जो हुआ उसपर मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था. मेरा गला सुख गया. आंटी सामने ही सोफे पे बैठी और हसकर मुजसे बाते करनी लगी. यहाँ मेरे दिमाग की चलने की गति धीमी हो चुकी थी. मेरी नजर बार बार आंटी के गुलाबी होठोंपर और बड़े मम्मो पर घूम रही थी. आंटी क्या कह रही है कुछ भी मेरे कानो तक नहीं पोहच रहा था.</p>
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  998. <p>में सरबत पीते समय जब आंटी के मम्मो को टटोल रहा था तो शायद आंटी ने जान लिया की मेरी नजर कहा पर है. उन्होने धीरेसे अपना पल्लू फिर से सरका दिया और ऐसे ही मेरे सामने बैठी रही. में शॉक हो गया. ये क्या हो रहा है. गिलास को मुँह से लगाकर रखा था और आँखे आंटी के मम्मो पर टिकी हुई थी. बड़े बड़े बदामी आम ब्लाउज़ में जकड़े हुए थे.</p>
  999.  
  1000.  
  1001.  
  1002. <p>अचानक आंटी उठी और मेरे बगल में आकर बैठी, पास बैठकर मुझे कहने लगी ये सामने वाला रूम हमारा है. उसके बगल वाला मेहमान आते है तो उनके लिए रखा है. मेने सरबत का गिलास ख़तम किया और वो सामने टेबल पर रखा. भाभी उत्तेजित होकर मुझे बता रही थी. यहाँ में धुंदली आखो से भाभी की और देख रहा था. बात करते करते भाभी ने अपना हात मेरी जांग पर रखा.</p>
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  1004.  
  1005.  
  1006. <p>जैसे ही उनका कोमल हात मेरी जांग पर घूमने लगा मेरे लंड ने सलामी दे दी. पास में बैठी आंटी भी उत्तेजना में क्या बड़बड़ा रही थी उन्हको भी पता नहीं चल रहा था. उनका साड़ी का पल्लू निचे गिर गया था. मुझे मम्मो के अंदर तक सबकुछ दिखाई दे रहा था. उठे मम्मो को देख मुँह से पानी आ रहा था. आगे क्या करे…. दोनों को भी समज नहीं आ रहा था. यहाँ मेरी हालत ख़राब हो रही थी. क्यूंकि लंड चड्डी के अंदर उछाल मारने लगा.</p>
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  1010. <p>में सोच ही रहा था के क्या करू. तभी मेरी नजर भाभी ने मेरी जांग पे रखे हात पर गयी. मेने सोचा अगर में झटकेसे अपने आप को आंटी के तरफ मोड़ता हु तो आंटी का हात किसककर सीधा मेरे लंड को छू लेगा.</p>
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  1014. <p>मेने जरा भी देर न की और अचानक से में आंटी की ओर पलटा. जैसे ही मेरा पैर आंटी की तरफ किसका, आंटी का हात सीधा मेरे लंड पे आ गया. आंटी बात करते करते रुकी और मेरी तरफ देखने लगी. उनकी रुकी हुई आखे देख में डर गया. लेकिन आंटी ने कुछ कहा नहीं बल्कि वो मेरे लंड को जीन्स पैंट के ऊपर से दबाने लगी.</p>
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  1018. <p>मेरे मुँह से आह्हः की आवाज आने लगी. आंटी बड़े प्यार से लंड दबा रही थी और नशीली आखो से मेरी तरफ देख रही थी.</p>
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  1022. <p>मेरी आखो में देख मेरे नजदीक आई और मेरे होठोंपे चुम्बन ले लिया. होठोंपे आंटी के गुलाबी होठ रगड़ने लगे तो मुजसे रहा नहीं गया और मेने आंटी को गले लगाया. दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.</p>
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  1026. <p>आंटी मुझे गले लगाकर मेरे ऊपर आ गयी. आंटी मुजसे भी ज्यादा तड़प रही थी. मेरे हात आंटी के पीठ से होकर आगे आये और मम्मो को दोनों हातोंसे जकड लिया. अहहह ाहः. स्सश्श्श. अहहह अहहहह। .. ब्लाउज़ के ऊपर से भी आंटी के बबले काफी मुलायम महसूस हो रहे थे. मेने जोर जोर से मम्मो को दबाना सुरु किया. अह्ह्ह हाः. अहःअहः अह्ह्ह हाहा</p>
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  1029.  
  1030. <p>आंटी ने होठोंको चूमते हुए मेरे जीन्स की चैन खोल दी. वो बटन को खोलकर पेंट निचे उतारने लगी. मुझसे भी अभी रहा नहीं जा रहा था तो मेने भी पैंट उतारनेमे आंटी की मदत की. आंटी ने खींचकर मेरी जींस उतार दी. मेरे सामने खड़े रहकर मुझे हवस भरी नजरोसे देख रही थी. जींस को आंटी ने दूर फेका और अपने खुले बालोको बांधने लगी.</p>
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  1032.  
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  1034. <p>जबतक तो बाल बांध रही थी. तब तक मेने निचे पड़े आंटी के साड़ी के पल्लू को हात में उठा लिया. हात में पल्लू पकड़कर खींचने लगा वैसे आंटी गोल गोल घूमकर साडी को धीरेसे उतारने लगी. आअह्ह्ह. औरत को ऐसे नंगा होते देखना काफी मजेदार होता है.</p>
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  1038. <p>कुछ ही देर में पूरी साडी निकल गयी. मेने साड़ी को समेट कर सोफे के पीछे फेक दिया. आंटी अभी ब्लाउज़ और चड्डी पर मेरे सामने खड़ी थी. हवस भरी नजर से देख रही थी.</p>
  1039.  
  1040.  
  1041.  
  1042. <p>मेने सोफे पे बैठे आंटी की तरफ देखते हुए अपने अंडरवेर के ऊपर से लंड को सहलाना सुरु किया. आंटी मुस्कुराई और मेरे सामने बैठी. उसने फिर मेरा हात हटाते हुए कहा. तुम क्यूँ तकलीफ ले रहे हो. में हूँ न इस काम के लिए. ऐसे कहकर आंटी अपना कोमल हात मेरे अंडरवेर पर घूमने लगी. अंदर तना हुआ लंड बाहर आने के लिया तड़प रहा था. आंटी को देखते हुए मेने अपना टीशर्ट उतर दिया.</p>
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  1045.  
  1046. <p>आंटी का हात धीरे धीरे मेरी कमर की और गया और फिर आंटी ने दोनों हातोंसे मेरी अंडरवेर पकड़ी और धीरे धीरे निचे खींचने लगी. आआह्ह्ह.. तने हुए लंड ने उछाल मारना सुरु किया. आंटी ने पूरी अंडरवेर निचे खींची और मेरे लंड को बाहर निकल दिया.</p>
  1047.  
  1048.  
  1049.  
  1050. <p>में अब पूरा नंगा आंटी के सामने सोफे पे बैठा आंटी को हवस भरी नजर से देख रहा था. आंटी ने मेरा लंड अपनी मुट्ठी में जकड़ा और गिलानी लगी. अहःअहः अहहह सशहषष ाहः.. आअह्ह्ह. ये स्पर्श मेरे लंड को कठोर करने केलिए काफी था. आंटी ने लंड को हिलाते हुए अपने मुँह में ले लिया. आहहह आंटी. अहहह आहहह… आंटी जोश में मेरा लंड चूस रही थी. ऐसे लग रहा था जैसे काफी दिन से लंड के तलाश में थी. आंटी अपनी जबान को पुरे लंड पर ऊपर से निचे तक घुमाकर आनंद ले रही थी. अहहहह.. लंड के गुलाबी भाग को जबान से चाट रही थी. अहहह. सससस आअह्ह्ह आंटी…</p>
  1051.  
  1052.  
  1053.  
  1054. <p>लंड पर जबान घिसते हुए निचे चली गयी और दोनों गोटे आंटी ने चाटना सुरु किया. लंड और गोटें दोनों भी आंटी ने अछि तरह चाट लिए.</p>
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  1056.  
  1057.  
  1058. <p>काफी देर के बाद लंड को आंटी ने छोड़ा. फिर वो पीछे हटी और मेरे सामने खड़ेहोकर आंटी ने अपना ब्लाउज़ खोल दिया. जैसे ही ब्लाउज़ हटा आंटी के बड़े बड़े मम्मे सामने आये. आआह आआह … क्या नजारा था. गुलाबी चूचियों का उभार और भी मनमोहक था.</p>
  1059.  
  1060.  
  1061.  
  1062. <p>आंटी ने एक नजर मेरी तरफ प्यार भरी नजरो से देखा और अणि चड्डी भी निचे उतरने लगी. धीरेसे चड्डी को उतारते हुए मेरी तरफ ही टकटकी लगाके देख रही थी. पूरी नंगी होते ही जब मेने आंटी को ऊपर से निचे तक देखा ऐसे लगा मानो में एक सेक्स वीडियो देख रहा हो. सामने एक गोरी सी औरत खड़ी है. यकीन नहीं हो रहा था के सब कुछ मेरे साथ हो रहा है.</p>
  1063.  
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  1066. <p>आंटी ने एक कदम आगे बढ़ाया और यहा मेरी सासे चढ़ने लगी. में सोफे पर टिक कर बैठा. आंटी धीरेसे मेरे ऊपर आकर बैठी और मुझे चूमने लगी. मेने भी आंटी को गले से लगा लिया. आंटी ने चूमते हुए अपने मम्मो को ऊपर उठाया और मेरे मुँह में चूचिया दे दी. आआआह. चूचियों को मुँह में लेकर जैसे चूसने लगा. आंटी आअह्ह्ह भरने लगी. दोनों हातो से मम्मो को दबाकर चूचियों को चबा रहा था. काफी बड़े मम्मे थे. काफी दिनों की भूक आज मिटाने का मौका मुझे मिला था.</p>
  1067.  
  1068.  
  1069.  
  1070. <p>दोनों मम्मो को जोर जोर से दबाते हुए निचे अपने लंड को छूते हुए चुत का आनंद लेने लगा. काफी देर तक में मम्मो से खेल रहा था. फिर आंटी ने धीरेसे अपना हात निचे लिया और लंड को चुत में डाल कर लंड पे उपर निचे कूदने लगी. अह्ह्ह.. मेरा लंड चुत में अंदर तक जाने लगा. आंटी की चुत काफी गीली थी. वो लंड पर जोर जोर से उछलने लगी. अहःअहः. मम्मे आखो के सामने उड़ रहे थे. मेने दोनों हातोंसे मम्मो को दबाना सुरु किया. अहहहहह अहहह अहहह अहहहहहहह. आंटी ाहः अहह अहहह अहहहह.</p>
  1071.  
  1072.  
  1073.  
  1074. <p>कुछ देर ऊपर से चोदने के बाद आंटी उठी. मेरा हात उसने पकड़ा और मुझे उठाकर अपने कमरे में ले गयी. जैसे हम अंदर आये. आंटी ने दरवाजा अंदर से बन किया. मुझे बेड पर ले गयी और निचे सुलाकर मेरे मुँह पे बैठ गयी. चुत को सीधा मुँह में डालकर घिसने लगी. में अब अपनी जबान से चुत को चाट ने लगा. चुत से निकलने वाले पानी को पीते जा रहा था.</p>
  1075.  
  1076.  
  1077.  
  1078. <p>ाहः अहहह. आंटी जो जोर से चिल्लाने लगी. ाहः अहहह अहहह। . चाटो मेरी चुत को. बहोत ही प्यासी है. अहहह. अहःअहः ाहः. उसमसमसम ाहः.</p>
  1079.  
  1080.  
  1081.  
  1082. <p>चुत&#8217;को मेरे मुँह पर घिसने लगी. ाहः ाहाहाःहाहा. अहहहआ</p>
  1083.  
  1084.  
  1085.  
  1086. <p>फिर मेने आंटी को घोड़ी बना दिया. आंटी की बड़ी गांड देखि तो हात अपने आप गांड पे चल पड़ा. जोर से गांड पे मारते हुए गांड को दबाने लगा. आंटी की गांड गोल मटोल और काफी बड़ी थी.</p>
  1087.  
  1088.  
  1089.  
  1090. <p>गांड को मारते हुए धीरेसे मेने लंड को चूत में धकेला. लंड अंदर जाने लगा. आंटी फिर आह भरने लगी. कुछ ही देर में लंड पूरा चुत में चला गया. मेने आंटी की कमर पकड़ी और आंटी को चोदने लगा.</p>
  1091.  
  1092.  
  1093.  
  1094. <p>अब मुजसे रहा नहीं जा राहत था. में जंगली की तरह आंटी को चोद रहा था. लंड भी काफी कठोर हो चूका था. आंटी की हिलती गांड और उसकी सिसकने वाली आवाज सुन में पागल हो चूका था. बहोत ही मजा आ रहा था चोदने में. चुत ने लंड को कसकर पकड़के रखा था. आहहहआ. चुत के अंदर घिसते हुए लंड&#8217;का आनंद ले रहा था. कुछ देर चोदने के बाद लंड से जब पानी निकलने ही वाला था तो आंटी को मेने पूछा कहा छोड़ू पानी. तो आंटी ने चिल्लाते हुए कहा अंदर मत छोड़ना .. मेने सुनते ही लंड को चुत से बाहर खींचा. आंटी घूमकर मेरे लंड के पास आयी और लंड को हिलाते हुए चूसने लगी.</p>
  1095.  
  1096.  
  1097.  
  1098. <p>अहहह अहाः। … लंड को आंटी की जबान लगते ही पानी निकलने लगा. गरम लंड ला पानी आंटी पिने लगी. अहहह. अहहहह.</p>
  1099.  
  1100.  
  1101.  
  1102. <p>पूरा पानी निकलने तक लंड आंटी के मुँह में ही था.</p>
  1103.  
  1104.  
  1105.  
  1106. <p>फिर जब में शांत हुआ. आंटी बेड पर सो गयी. में भी बगल में सो गया. दोनों एकदूसरे को कसकर पकड़कर सोये थे.</p>
  1107.  
  1108.  
  1109.  
  1110. <p>उस दिन बाद से में आंटी के घर बार बार जाने लगा.</p>
  1111.  
  1112.  
  1113.  
  1114. <p>हमारी चुदाई अब रोज की बात हो गयी थी. आंटी ने मुझे पूरी छूट दे दी थी.</p>
  1115.  
  1116.  
  1117.  
  1118. <p>कैसी लगी मेरी कहानी जरुन कमेंट करके बताना।</p>
  1119. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3797" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3797" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a1%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be/">पडोसी आंटी ने सिखाया प्यार कैसे करना है</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
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  1125. <title>बड़ी बहन को रात में चोद दिया</title>
  1126. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af/</link>
  1127. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af/#respond</comments>
  1128. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1129. <pubDate>Fri, 18 Jul 2025 06:01:12 +0000</pubDate>
  1130. <category><![CDATA[बेहेन (Sister)]]></category>
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  1132.  
  1133. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम विनोद है. में स्कूल में पड़ता हु. ये कहानी कुछ महीनो पहले की है. मेरी नजर हमेशासे मेरी बड़ी बहन सुमन पर थी.</p>
  1134. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af/">बड़ी बहन को रात में चोद दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1135. ]]></description>
  1136. <content:encoded><![CDATA[
  1137. <p>मेरा नाम विनोद है. में स्कूल में पड़ता हु. ये कहानी कुछ महीनो पहले की है. मेरी नजर हमेशासे मेरी बड़ी बहन सुमन पर थी. सुमन कॉलेज जाती थी. दीखनेमे काफी गोरी चिट्टी, भरा हुआ मादक शरीर और नशीली आँखे ऐसे की आप एक बार अगर सुमन को देखोगे तो आप उसके प्यार में पड़ जाओगे.</p>
  1138.  
  1139.  
  1140.  
  1141. <p>में काफी बार सुमन के कपडे के ऊपर मुठ मार चूका हु. पहले तो मुझे उसकी चड्डी और ब्रा बाथरूम में मिल जाती थी. लेकिन जब से सुमन को पता चला है के में उसके कपड़ो पे मुठ मारकर चिप चिपा पानी छोड़ कर रखता हु, तबसे उसने अपने कपडे बाथरूम में रखना बंद कर दिया है.</p>
  1142.  
  1143.  
  1144.  
  1145. <p>ये सब के बिच एक बात बताना भूल गया जो की आज भी सुमन और में एक ही बेड पर सोते है. मम्मी पापा सामने के कमरे में और हम एक सात एक कमरे में. पापा मम्मी को लगता था की अभी भी में छोटा हु. लेकिन उनको क्या पता, यहाँ मेरा लंड तो कबसे बड़ा हो चूका है.</p>
  1146.  
  1147.  
  1148.  
  1149. <p>मुझमे इतनी हवस भर गयी थी के रातको अगर लंड खड़ा हो गया तो पास में सोई सुमन दीदी के होने के बावजूद चद्दर के अंदर मुठ मार लेता था.</p>
  1150.  
  1151.  
  1152.  
  1153. <p>रात को सोते समय जानबूझकर सुमन दीदी के ऊपर हात रख देता. काफी बार मेरा हात दीदी के ममो को छूकर निकला है. लेकिन कभी दबाने का मौका नहीं मिला. कभी कभी सोते समय सुमन दीदी को पिछेसे पकड़ करा उसकी गांड पे मेरा खड़ा लंड दबाकर मजा लेता था.</p>
  1154.  
  1155.  
  1156.  
  1157. <p>मेने उसकी जांग पे भी हात रखा है. लेकिन कभी चुत तक नहीं पहोच पाया था.</p>
  1158.  
  1159.  
  1160.  
  1161. <p>एक दिन की बात है. में अपने दोस्त के घर से सेक्स वीडियो देख कर आया. घर पोहचा तो मम्मी पापा अपने कपडे एक सूटकेस में भर रहे थे. मेने नजदीक आकर पूछा तो पापा बोले चाचा की तबीयत ख़राब है तो वो उनको देखने जा रहे है. में और सुमन दीदी नहीं जा सके क्यूंकि हमारी परीक्षा नजदीक आ रही थी.</p>
  1162.  
  1163.  
  1164.  
  1165. <p>कुछ ही देर में मम्मी पापा दोनों निकल गए. तब रत के ८ बज रहे थे. खाना लगा हुआ था. मेने और सुमन दीदी ने सात में खाना खाया. घरमे इतना सन्नाटा देख मेरा मन विचलित होने लगा था.</p>
  1166.  
  1167.  
  1168.  
  1169. <p>जो में सेक्स वीडियो देखकर आया था उसमे जो लड़की थी वो बिलकुल सुमन दीदी जैसे थी. उसके बड़े बड़े मम्मे अभी भी मेरे नजरो के सामने दिखाई दे रही थे. खाना खाते समय मेरी नजर बार बार सुमन दीदी के मम्मो पर ही जा रही थी.</p>
  1170.  
  1171.  
  1172.  
  1173. <p>खाना खाने बाद जब वो घर के कामो में व्यस्त थी. और मेरे सामने से जा रही थी. तब नजर सुमन दीदी के गांड पर ही घूम रही थी.</p>
  1174.  
  1175.  
  1176.  
  1177. <p>खाना खाकर में अपने कमरे में जाकर सो गया. मुझे लगा आज दीदी कमरे में नहीं आएगी. शायद वो मम्मी पापा के कमरे में सो जाएगी. में चद्दर ओढ़कर सोने की कोशिश कर रहा था. लेकिन मेरा लंड हिलाये बिना मुझे सोने नहीं देता.</p>
  1178.  
  1179.  
  1180.  
  1181. <p>इसलिए में बाहर की लाइट बंद होने का इंतजार कर रहा था. तब तक मेरा हात मेरी पेंट में ही था.</p>
  1182.  
  1183.  
  1184.  
  1185. <p>कुछ देर बाद अचानक सुमन दीदी कमरे में आयी और उसने अंदर से दरवाजा बंद किया. वो आकर बेड पर मेरे बगल में सो गयी.</p>
  1186.  
  1187.  
  1188.  
  1189. <p>मेने जैसे सोचा था उसका विपरीत ही हुआ. लाइट बंद हुई और में यहाँ खड़े लंड के सात बेड पर करवटे बदल रहा था.</p>
  1190.  
  1191.  
  1192.  
  1193. <p>सुमन दीदी मेरी तरफ पीठ करके सोई थी. में दीदी को ऊपर से निचे तक टटोलने लगा. अंधेरेमे धीरेसे मेरी पैंट निचे उतार कर लंड को बहार निकाला। और दीदी को देखते हुए लंड को मसलने लगा.</p>
  1194.  
  1195.  
  1196.  
  1197. <p>कुछ ही देर में मेरा लंड लकड़ी की तरह कठोर हो गया. ऐसे लगने लगा की दीदी को आज चोद ही दू. मन तो बहोत कर रहा था लेकिन डर भी उतना ही था. यहाँ मेरा शरीर तपने लगा था.</p>
  1198.  
  1199.  
  1200.  
  1201. <p>मुजसे रहा नहीं गया और मेने धीरेसे दीदी के पीठ पर हात लगाया और ऊपर से निचे तक घुमाने लगा. दीदी के कोमल बदन का स्पर्श अच्छा लग रहा था. धीरेसे मेरा हात दीदी के गर्दन से होकर निचे कमर तक जा रहा था. आच्छर्य की बात ये थी के सुमन दीदी ने कुछ कहा नहीं.</p>
  1202.  
  1203.  
  1204.  
  1205. <p>जिस वजसे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा और में धीरेसे अपना हात और निचे खिसकाकर दीदी की गांड पे ले गया. धीरेसे गांड के ऊपर से घुमाते हुए गांड को दबाने लगा. जैसे मेने गांड को दबाना शुरू किया, सुमन दीदी की सिसकनेकी आवाज आने लगी. में समज गया की दीदी को भी मजा आ रहा है. मेने अपना पूरा हात का पंजा दीदी की बड़ी गांड पे रखा और जोर जोर से दबाने लगा. अहहह अहहह. काफी कोमल गांड थी दीदी की. काफी देर तक गांड को दबाने के बाद, में दीदी के नजदीक आया और दीदी को पिछेसे जकड लिया.</p>
  1206.  
  1207.  
  1208.  
  1209. <p>मेरा हात&#8217;सीधा दीदी के मम्मो पर रखदिये और धीरे धीरे मम्मो को दबाना सुरु किया. अहह. ष्ष्स शश। . अहहह अहहह. दीदी के बड़े मम्मे आखिरकार हातोंमे आ ही गए. मम्मो को दबाते हुए पिछेसे मेने अपने लंड को दीदी की गांड पे दबाना सुरु किया. दीदी की आह निकलने लगी. अहहह अहाः. मुझे भी मजा आने लगा. दोनों का शरीर एक दूसरे पे रगड़े ते हुए में मम्मो को दबा रहा था.</p>
  1210.  
  1211.  
  1212.  
  1213. <p>फिर मुजसे रहा नहीं गया और मेने दीदी को सीधा मेरी तरफ मुँह करके लिटाया और सुमन दीदी के होठोंको चूमना सुरु किया. दीदी भी बहोत तप गयी थी. उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और जकड कर मुझे होठोंपे चूमते हुए आनंद लेने लगी. में दीदी के ऊपर लेटा और दीदी को मदहोश होकर चुम रहा था.</p>
  1214.  
  1215.  
  1216.  
  1217. <p>चूमते चूमते में निचे आने लगा. दीदी की गर्दन होकर निचे आया. दीदी की ड्रेस ऊपर उठा दी. दीदी ने कहा रुक में निकलती हु. में पास बैठा और दीदी ने अपना ड्रेस उतार दिया. अंदर का ब्रा दिखने लगा वैसे ही मे उसके ऊपर कूद गया. जोर जोर से मम्मो को दबाकर चूमने लगा. दीदी ने तुरंत ही ब्रा निकल दी और मेरे मुँह में चूचिया थमा दी.</p>
  1218.  
  1219.  
  1220.  
  1221. <p>फिर क्या, मेरी मदहोशी अब हवस का रूप ले चुकी थी. दीदी के मम्मे इतने बड़े थे की दोनों हातो में समां नहीं पा रहे थे. मेने जोर जोर से चूचियों को चूसते हुए ममो को दबाना सुरु किया.</p>
  1222.  
  1223.  
  1224.  
  1225. <p>फिर निचे सरकते हुए अपनी जीभ धोड़ी के किनारे ले आया और धोड़ी को चाटने लगा. दीदी सिसकने लगी. सष अहहहह. अहहह शशसस आहहहहह शशसस आहाहा</p>
  1226.  
  1227.  
  1228.  
  1229. <p>सुमन दीदी ने मेरी टीशर्ट उतार दी थी. निचे आधी निकली पैंट को मेने खुद ही उतार दिया था. तना हुआ लंड अब चोदने के लिए तैयार था.</p>
  1230.  
  1231.  
  1232.  
  1233. <p>धोड़ी को चूमने के बाद जैसे निचे खिसका, दीदी के पजामे की नाड़ी दिखी. धीरेसे नाड़ी खोल दी. पजामे को ढीला किया और निचे खींचकर उतार दिया. अंदर सिर्फ अब दीदी की चड्डी बची थी.</p>
  1234.  
  1235.  
  1236.  
  1237. <p>उसे भी दोनों हातोंसे पकड़ा और खींचकर उतार दिया.</p>
  1238.  
  1239.  
  1240.  
  1241. <p>जैसे ही सुमन दीदी की चुत मेरे सामने आयी, मेने सीधा अपना मुँह चुत पे रखा और चुत को चाटना सुरु किया.</p>
  1242.  
  1243.  
  1244.  
  1245. <p>दीदी की चुत&#8217; काफी गीली थी. में अपनी जीभ को चुत पे रगड़ कर चाट रहा था. दीदी तड़पने लगी. फिर मेने अपनी एक ऊँगली चुत में डाली और हिलाने लगा. अहह अहहह ाहः हां. शशसस. अहःअहः. चुत का बढ़िया स्वाद था. काफी देर तक मेने चुत को चाटा और फिर पीछे खिसका.</p>
  1246.  
  1247.  
  1248.  
  1249. <p>अब में दीदी को चोदने ही जा रहा के दीदी हसते हुए झटके से उठी. मेरी तरफ मुड़कर निचे सोइ और मेरे दोनों पैरो के बिच मुँह रखकर सो गयी. दीदी ने मेरे लंड को पकड़ा और सीधा मुँह में ले लिया.</p>
  1250.  
  1251.  
  1252.  
  1253. <p>जैसे ही लंड दीदी के मुँह में गया तब मुझे एहसास हुआ की दीदी ६९ करना चाहती है. में फिर सुमन दीदी के ऊपर सोया और दीदी की चुत को फिर से चाटने लगा. वहा दीदी मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूस रही थी. यहाँ में दीदी की चुत को चूस रहा था. आहहहह. अहहह. ये करने में बहोत ही मजा आ रहा था. दीदी की जबान जब लंड पर घूम रही थी. अहहहह. क्या सुन्दर अनुभव था वो. पहिली बार किसी लड़की के मुँह में लंड दिया था.</p>
  1254.  
  1255.  
  1256.  
  1257. <p>काफी देर लंड और चुत का मजा देने के बाद, में उठकर दीदी के पैरोंके पास गया. दोनों हातोंसे दीदी के पैर फैलाये और धीरेसे लंड को दीदी के चुत में धकेल दिया.</p>
  1258.  
  1259.  
  1260.  
  1261. <p>अह्ह्अहा…. लंड गीली चुत में अनदर तक धकेला और फिर सुमन दीदी के ऊपर सोकर दीदी को चोदने लगा… अहःअहः अहःअहः आहहहहहह अहहहाआ सशशश ष्षष आहाहाःहाहाःहाहाः। ..</p>
  1262.  
  1263.  
  1264.  
  1265. <p>लंड को चुत का स्पर्श होते ही लंड पागल सा हो गया था. में जोर जोर से दीदी की चुत को चोदने लगा. आज पहिली बार किसी चुत में लंड डाला था तो रहा नहीं जा रहा था. मेने जोर जोर से दीदी को चोदना सुरु किया.</p>
  1266.  
  1267.  
  1268.  
  1269. <p>दीदी चिल्ला रही थी. बसकर लेकिन मेरा मन अभी तक भरा नहीं था. में और जोर जोर से चोदने लगा.</p>
  1270.  
  1271.  
  1272.  
  1273. <p>काफी देर चोदने के बाद दीदी को पलटा. उसे घोड़ी बना दिया और फिर से चोदने लगा. अहहह अहहह अहहह सशष अहहहससष। ….. गांड पे चपेट मारते हुए दीदी को चोद रहा था. दीदी चिलाने लगी. अहह अहह अहा.. ष्ष्स. ष्ष्स विनोद बस कर अभी ाहः अहहह अहहह.</p>
  1274.  
  1275.  
  1276.  
  1277. <p>चोदते चोदते मेरे लंड से कब पानी निकल आया पता ही नहीं चला. सारा पानी दीदी के चुत में चला गया. में चोदता ही रहा जब तक पूरा पानी लंड से निकल न जाये।</p>
  1278.  
  1279.  
  1280.  
  1281. <p>लंड शांत होते ही चुत से निकला और हांफते हुए में बेड पर सो गया. दीदी भी ऐसे ही सो गयी. पूरी रात चद्दर के अंदर हम दोनों नंगे ही सोये थे.</p>
  1282.  
  1283.  
  1284.  
  1285. <p>चुत में पानी चला गया इसलिए दीदी ने दूसरे दिन गोली खा ली थी.</p>
  1286.  
  1287.  
  1288.  
  1289. <p>उस दिन के बाद से दीदी हमेशा मुजसे चुदवाती है. दीदी को भी मेरे लंड की आदत लग गयी है.</p>
  1290.  
  1291.  
  1292.  
  1293. <p>कैसी लगी हमारी भाई बहनकी चुदाई की कहानी जरूर कमेंट करके बताना</p>
  1294. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3788" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3788" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af/">बड़ी बहन को रात में चोद दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1295. ]]></content:encoded>
  1296. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af/feed/</wfw:commentRss>
  1297. <slash:comments>0</slash:comments>
  1298. </item>
  1299. <item>
  1300. <title>बच्चो को पालने  के लिए बॉस की रखेल बन गयी</title>
  1301. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b8/</link>
  1302. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b8/#respond</comments>
  1303. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1304. <pubDate>Mon, 14 Jul 2025 05:59:57 +0000</pubDate>
  1305. <category><![CDATA[बॉस (Boss)]]></category>
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  1307.  
  1308. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम समीरा है. में ४२ साल की हु और दिल्ली में रहती हु. मेरा तलाक हो चूका है और मेरे दो बेटे है जो</p>
  1309. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b8/">बच्चो को पालने  के लिए बॉस की रखेल बन गयी</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1310. ]]></description>
  1311. <content:encoded><![CDATA[
  1312. <p>मेरा नाम समीरा है. में ४२ साल की हु और दिल्ली में रहती हु. मेरा तलाक हो चूका है और मेरे दो बेटे है जो अभी स्कूल में पड़ते है.</p>
  1313.  
  1314.  
  1315.  
  1316. <p>पति के सात तलाक होने के बाद से मेरी हार्थिक परिस्तितिया अछि नहीं थी. उसमे दिन ब दिन बढ़ते हुए खर्चो की वजसे पैसे की बचत करना नामुमकिन हो गया था.</p>
  1317.  
  1318.  
  1319.  
  1320. <p>इनसबमे एक अछि बात यहाँ थी के मुझे एक अश्चि जगह जॉब मिल गया था. जिस कंपनी में काम करती थी वो एक इम्पोर्ट एक्सपोर्ट की कंपनी थी. कंपनी से माल बाहर भेजा जाता था. मेरा काम अकाउंटेंट का था.</p>
  1321.  
  1322.  
  1323.  
  1324. <p>ऑफिस छोटा ही था, ज्यादा लोग नहीं थे. गिनकर ८ से ९ लोग होंगे. मेही एक औरत थी जो ऑफिस में पूरा दिन बैठे रहती थी. बाकि सरे आदमी थे. वो कामके सिलसिले आतेजाते रहते थे.</p>
  1325.  
  1326.  
  1327.  
  1328. <p>बॉस भी काफी बार ऑफिस से बाहर ही रहता था. उसका आना तय नहीं था. हफ्ते में ३ से ४ बार शामके वक्त आया करता था. इसवजसे मुझे काफी आराम मिलता था.</p>
  1329.  
  1330.  
  1331.  
  1332. <p>मुझे ऑफिस में आकर अभी ३ महीने ही हुए थे. बॉस से पहले पहले तो काफी अचे से बाते होती थी. हमेशा हस्ते हुए मुजसे बाते करता था. लेकिन जैसे जैसे दिन गुजरने लगे, मुझे एहसास हुआ की बॉस की मुझपे गन्दी नजर थी. वो मेरे मम्मो की तरफ देखता रहता था.</p>
  1333.  
  1334.  
  1335.  
  1336. <p>एक दिन बॉस ने मुझे बॉस ने अकाउंट के सरे पेपर लेकर आने कहा. में उसके केबिन में गई और सामने खुर्सी पर बैठी थी. बॉस सामने फ़ोन पे किसी से बात कर रहा था. बात करते करते वो मेरे आस पास घूमने लगा. काफी देर तक वो फ़ोन पे बात करते हुए आस पास ही घूम रहा था. में हात में पेपर लेकर बैठी थी. तभी मेरी नजर दाई और के लगे केबिन के काच पर पड़ी. मेने देखा बॉस मेरे पीछे घूमते हुए मेरे मम्मो के बिच की जगह में देख रहा है.</p>
  1337.  
  1338.  
  1339.  
  1340. <p>और देखते हुए अपने पेंट पर से लंड को सहला रहा है. उस दिन मेने कुर्ता पहना था जिसका गाला बड़ा था. इस वजसे मेरे मम्मो की बिच की दरार काफी खुलकर दिख रही थी. काफी देर तक बॉस मेरे आसपास ही घूमता रहा. फिर जाकर अपनी खुर्सी पे बैठ गया.</p>
  1341.  
  1342.  
  1343.  
  1344. <p>मुजसे अकाउंट की जानकारी पूछने लगा. में पेपर में देख उसे बता रही थी. लेकिन बॉस की नजर मेरे मम्मो को टकटकी लगाकर देख रही थी. वो मेरी तरफ कम और मेरे मम्मो को ज्यादा देख रहा था.</p>
  1345.  
  1346.  
  1347.  
  1348. <p>मेरी बात के बीचमे ही बॉस ने कहा, शायद मेरा पेन वह पीछे कही गिर गया है. क्या तुम उठाकर देदो गी. मेने पीछे मुद के देखा था सच में वह कोने में एक पेन पड़ा दिखाई दिया।</p>
  1349.  
  1350.  
  1351.  
  1352. <p>मुझे ये समझनेमें जरा भी वक्त नहीं लगा के ये बॉस ने जानबूझकर गिराया है. वो मुझे झुके हुए देखना चाहता है जिससे मेरी गांड पिछेसे उसे दिख जाये. में इस बात को समज गयी थी. लेकिन फिर भी उठकर गयी और जैसे बॉस की अपेक्षा थी वैसे ही मेने किया. में पेन लेने गयी, और बॉस की तरफ गांड को झुकाके पेन उठाने गई. धीरेसे पेन को उठाया और बॉस को लेकर दे दिया.</p>
  1353.  
  1354.  
  1355.  
  1356. <p>बॉस की नजरो में हवस दिख रही थी. वो पहला मौका था जब मुझे बॉस के इरादे पता चले.</p>
  1357.  
  1358.  
  1359.  
  1360. <p>उस दिन के बाद बॉस थोड़ा ज्यादा ही मुजसे खुलकर बात करने लगा. काफी बार मेरे नजदीक भी आया करता था. मेरे पास की खुर्सी पे बैठ मुजसे अकाउंट की रिपोर्ट बनाने कहता था. में रिपोर्ट बनाती थी और वो मेरे मम्मो को ताड़ते रहता था.</p>
  1361.  
  1362.  
  1363.  
  1364. <p>बिच बिच में डबल मीनिंग बाते भी करने लगा. में हसकर टाल देती थी. मुझे इस जॉब पे ज्यादा परेशानी नहीं थी. इसलिए में जो बॉस कहे वो करती रहती थी.</p>
  1365.  
  1366.  
  1367.  
  1368. <p>धीरे धीरे बात इतनी आगे बढ़ने लगी के, बॉस अब रातको करीब १२ बजे मुझे फोन पे काम के बारेमे फ़ोन पे पूछने लगा. रातको पिने के बाद मुजसे बाते करने लगा. एकबार तो मुझे उसकी आवाजसे पता चला की वो मुजसे बात करते करते अपना लंड हिला रहा है. उसकी चढ़ती हुई सास, डबल मीनिंग बात से पता चल रहा था की वो अपने लंड को हिला रहा है.</p>
  1369.  
  1370.  
  1371.  
  1372. <p>बॉस की हरकतों से मुझे इतना तो पता चल गया था की एक न एक दिन ये मुझे चोदेगा जरूर. इसलिए में भी हमेशा तैयार रहती थी. वैसे भी मेरा पति नहीं था. काफी दिन हुए थे चोदे हुए. उसके अलावा बच्चोकी भी जिम्मेदारिया थी.</p>
  1373.  
  1374.  
  1375.  
  1376. <p>मेने कभी बॉस को ये एहसास नहीं होने दिया के उसकी हरकतो से मुझे घुसा आ रहा है. में भी उसके हरकतो में उसका साथ देती थी.</p>
  1377.  
  1378.  
  1379.  
  1380. <p>कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.</p>
  1381.  
  1382.  
  1383.  
  1384. <p>एक दिन में काम कर रही थी. बॉस केबिन से आये और उन्होंने सीधे आकर मेरे कधो पर हात रखा और बोले कल का शिपमेंट चला गया है ना? मेने हा कहा. फिर बोले ठीक है. शिपमेंट पोहचतेहि मुझे रिपोर्ट भेज देना. ऐसे कहकर मेरे खंडो को प्यार से दबाकर वो अंदर चले गए. अभी तक तो दूर से बाते होती थी लेकिन अब शरीर को हात लगाकर बातें होने लगी.</p>
  1385.  
  1386.  
  1387.  
  1388. <p>बॉस मेरे पास आकर बैठते और मुझे रिपोर्ट में बदलाव करनेके बारेमें बताते हुए मेरी जांग पर हात लगते. मेने कभी उनको रोका नहीं तो उनको शायद लगा के वो अभी कुछ भी कर सकते है.</p>
  1389.  
  1390.  
  1391.  
  1392. <p>एक दिन शाम को ऑफिस में में और बॉस थे. में अलमारी खोलकर फाइलें देख रही थी. अचानक से पिछेसे बॉस ने आकर सीधा मेरी कमर पर हात लगाया. में डर गयी. बॉस ने कहा डरो. में ही हु. क्या कर रही हो. मेने कहा वो शिपमेंट की फाइलें ठीक से रख रही हु.</p>
  1393.  
  1394.  
  1395.  
  1396. <p>में जब बात कर रही थी बॉस का हात मेरी पीठ पर घूम रहा था. वो मेरे नजदीक आने लगे. उनकी नजरे मेरे होठोंपे थी. में डरकर निचे देख फाइलें ठीक से रखने की कोशिश कर रही थी.</p>
  1397.  
  1398.  
  1399.  
  1400. <p>बात करते करते बॉस इतने नजदीक आ गया था की उसकी सासे मेरे कानोंमें सुनाई देने लगी. उनकी आवाज मदहोश हो गयी थी. अचानक पीठ पे हात घूमते घूमने बॉस का हाट निचे निचे जाने लगा. जैसे ही उनका हात कमर तक पोहचा में उनसे दूर जाने लगी.</p>
  1401.  
  1402.  
  1403.  
  1404. <p>में जा ही रही थी के बॉस ने मेरा हात पकड़ा और मुझे अपनी और खुचा. मेरे हातो में जो फाइल थी वो निचे गिर गई और सरे पेपर जमीन पर चारो तरफ फ़ैल गए. बॉस ने जोर से मुझे कीचकर गले से लगा दिया. में कहने लगी बॉस ये आप क्या कर रहे हो. लेकिन उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा और मेरे होठो पर अपने होठ टिकादिये. में खुद को दूर करने लगी लेकिन बॉस माने नहीं उन्होंने होठोंको चूमना जारी रखा.</p>
  1405.  
  1406.  
  1407.  
  1408. <p>जोर जबरदस्ती करते करते उनके हात मेरे मम्मो पर आये और उन्होने कसकर मेरे दोनो मम्मो को दबाना सुरु किया. बॉस की हवस देख ऐसे लग रहा था मानो बहोत दिनों से भरे थे. आज मौका मिला तो छोड़ने के विचार में नहीं है.</p>
  1409.  
  1410.  
  1411.  
  1412. <p>बॉस ने होठोंको चूमते हुए काफी देर तक मेरे मम्मो को मसला. फिर गालो को चूमते हुए मेरी गर्दन पर आ गए. काफी दिनों बाद किसी मर्द के स्पर्श का अनुभव हो रहा था. तो में मि पिघलने लगी. मेरे मुँह से आह की आवाजे आने लगी. अहहहह. अहाहा। ..श अहहह. आहहआए…….. बॉस ने जैसे ही मेरी आवाज सुनी वो और जोश में आने लगा और मुझे गले से लगाकर मूर्ति गर्दन को चूमने लगा. पीठ पर हात घूमते हुए कमर तक पोहचा और धीरेसे निचे हात खिसकर मेरी गांड को दबाने लगा.</p>
  1413.  
  1414.  
  1415.  
  1416. <p>गांड पे हात लगते ही में उछल पड़ी. मेने कसकर बॉस को पकड़ लिया. बॉस मुझे अपनी बाहो में भर चूमने लगा और साथ साथ गांड को दोनों हातो से दबा रहा था.</p>
  1417.  
  1418.  
  1419.  
  1420. <p>फिर धीरेसे उसने मेरा कुरता उठाकर निकला दिया. मेरी ब्रा दिखने लगी. ब्रा देखकर बॉस और उत्तेजित हो उठा और उसने दोनों मम्मो को दबाते हुए बिच की दरार को चाटना सुरु किया. अहहहहहह. अहहह हाहाहाहा. ाहाःहाहा. सशशआ… मम्मो को दबाते हुए ब्रा को सरका दिया और दोनों मम्मो को बहार निकाले. चूचिया जैसे दिखी, सीधा मुँह से पकड़कर चूसने लगा. चूचियों को दबा दबा कर चूस रहा था.</p>
  1421.  
  1422.  
  1423.  
  1424. <p>अह्ह्ह हः अहहह. ष्ष्स. अहहह अह्ह्ह . स्स्स्सस्ठ.अह्ह्ह . श्श्श..</p>
  1425.  
  1426.  
  1427.  
  1428. <p>मेने पिछेसे ब्रा का हुक निकला और मम्मो को आजाद कर दिया. बॉस मेरे मम्मो पर टूट पड़ा. बड़ी बेहरमी से चूचियों को चबा रहा था. जोर जोर से मम्मो को मसल रहा था. चूचियों को ऊँगली से पकड़कर खींच रहा था. अहह. अहह अहहह. कमीना जानवर बन गया था. अहह अहहहहह अहःअहः. स्सश्श्श.</p>
  1429.  
  1430.  
  1431.  
  1432. <p>काफी देर मम्मो से खेलकर जब पीछे हटा. उसने सीधा अपने कपडे उतरना सुरु किया. जल्दसे अपनी शर्ट और पैंट उतार दी. फिर मेरे सामने अपने अंडरवेर पर हात घुमाकर दिखाने लगा. अंडरवेर का उभार देखकर लग ही रहा था की उसका लंड काफी बड़ा हो चूका है.</p>
  1433.  
  1434.  
  1435.  
  1436. <p>में आगे नहीं आ रही देख बॉस ने मेरा हात पकड़ा और अपने अंडरवेर पर दबाया. मेने फिर उसके अंडरवेर पर घूमना सुरु किया. फिर में निचे घुटनो पे बैठी और धीरेसे उसकी अंडरवेर निचे खींच दी. जैसे अंडरवेर निचे आयी. उसका काला सा लंड उछल कर बाहर निकला. मेने तुरंत मुठी में लंड पकड़ा और हिलने लगी. मेरे हिलने से लैंड और भी मजबूत और बड़ा होने लगा. कुछ ही देर में लोहे की तरह मजबूत हो गया. मेने तुरंत लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी.</p>
  1437.  
  1438.  
  1439.  
  1440. <p>अम्मम्ामम… अहःअहम्म्म्म हाःहाहाम्म्म अहःअहम्म्म्म। ष्ष्स शशशशशश. काफी दिन बाद आज लंड चूसने मिला है. मेने लंड को पूरा अंदर खींच लिया और चूस रही थी. जीभ से चाटकर लंड को चिकना कर लिया. मुँह में लंड को रखकर उसकी गोटियों को हात से पकड़कर दबाने लगी.</p>
  1441.  
  1442.  
  1443.  
  1444. <p>काफी देर लंड को चूसने के बाद, जब पीछे हटी तो बॉस मेरी तरफ नशीली नजरोसे लाल टपकते हुए देख रहा था. उसने मुझे वही पर निचे सुला दिया. में फ़ाइल से गिरे सरे पेपर पर सो गयी. बॉस ने मेरा पैजामा पकड़ा और खींचकर निकल दिया. मेरी चड्डी दिखने लगी. वैसे ही उसने चड्डी पकड़ी और खींचकर उतार दी. में पूरी नंगी बॉस के सामने पेपरों पर लेटी हुयी बॉस को देख रही थी.</p>
  1445.  
  1446.  
  1447.  
  1448. <p>बॉस ने फिर मेरे पैर फैलाये और मेरी चुत को जीभ डालकर चाटने लगा. अहह अहहह अहहह.. यही तो मुझे चाहिए था. जब भी कोई मर्द मेरी चुत को चाटने लगता है. मेरे शरीर की आग बढ़ जाती है. में इतनी मदहोश हो जाती हु के अपने बदन को पूरा उसी को सौप देती हु. चुत चाटने के बाद वो आदमी अब मेरे साथ कुछ भी करे मुझे पर्व नहीं. में पूरा साथ देती हु.</p>
  1449.  
  1450.  
  1451.  
  1452. <p>बॉस ने जीभ को चुत पर रगड़ रगड़ कर चाटना सुरु किया….अहहह अहाहा। ..अहहह सशशषस शशशश.. काफी देर तक मेरी चुत को चाटने के बाद वो पीछे हटा और अपना लेकर नजदीक आया और चुत में लंड दाल दिया. बॉस का काला लंबा लंड अंदर तक घुस गया.</p>
  1453.  
  1454.  
  1455.  
  1456. <p>फिर जोर जोर से धक्के देकर मुझे चोदने लगा. में चिल्लाने लगी. अहह अहह ाःहाहा. श्श्श। ा अहहह अहहस.. मर गयी. ाहः अहह.अहह….</p>
  1457.  
  1458.  
  1459.  
  1460. <p>मेरे ऊपर लेटकर मुझे चूमते हुए चोद रहा था. काफी देर तक चोदने के बाद फिर वो मेरे पास सोया और मुझे अब लंड के ऊपर बैठा दिया. में लंड पर बैठी और उछलकर उछलकर चुदवाने लगी. अहह अहह अहह अहह अहह.. चुत के अंदर तक लंड को धकेल कर चुदवा रही थी. अहहह अहहह। .श्श्श्श श्श्श श्श्श</p>
  1461.  
  1462.  
  1463.  
  1464. <p>काफी देर ये करने के बाद फिर बॉस ने मुझे घोड़ी बना दिया. मेरे पीछे गया और गांड पे पहले तो दो बार फटके मारे. में चिल्लाई… अहह आह श्श्श्श अहह। …</p>
  1465.  
  1466.  
  1467.  
  1468. <p>फिर अपने लंड को पिछेसे चुत में डालकर मुझे चोदने लगा. अहाहा अहःअहः अहह श्श्श अहहह आह्हः.. ससससस</p>
  1469.  
  1470.  
  1471.  
  1472. <p>इसबार ऐसे लग रहा थकी पूरी ताकत लगाकर चोद रहा है. दोनों हातोंसे मेरी कमर को पकड़ कर जोर जोर से धक्के मारने लगा. मेरी गांड पे उसकी जांग जोर जोर से पटक रही थी.</p>
  1473.  
  1474.  
  1475.  
  1476. <p>अहाः अहहह ष्ष्स आहह सस्शह्ह्शसश। … श्श्श श्श्श शहस अहाहा</p>
  1477.  
  1478.  
  1479.  
  1480. <p>इसी दौरान मेरी चुत ने भी पानी छोड़ दिया. बॉस कभी भी झड़ सकता था. उसने अपनी गति बधाई. और चोदने लगा.</p>
  1481.  
  1482.  
  1483.  
  1484. <p>कुछ ही पल बाद, बॉस ने एक कराहट के सात अपने लंड को चुत के बाहर खींचा और सारा गरम पानी मेरी गांड पे निकल दिया</p>
  1485.  
  1486.  
  1487.  
  1488. <p>मेरी पूरी गांड लंड से निकले गरम पानी से गीली हो गयी</p>
  1489.  
  1490.  
  1491.  
  1492. <p>कुछ देर में ऐसे ही बैठी रही. फिर जैसे बॉस कपडे उठाकर अंदर केबिन में चला गया. मेने भी कपडे उठाये और बाथरूम में जाकर सब धोकर कपडे पहन लिए.</p>
  1493.  
  1494.  
  1495.  
  1496. <p>उस दिन बाद से मनो में बॉस की रकेल बन गयी हु. जब भी बॉस का मन करता है वो मुझे अपने केबिन में बुलाता है और मुझे चोदना सुरु करता है.</p>
  1497.  
  1498.  
  1499.  
  1500. <p>लेकिन अछि बात ये है के बिच बिच में मुझे पैसे भी देकर जाता है. जिससे मुझे थोड़े ज्यादा पैसे मिल जाते है.</p>
  1501. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3625" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3625" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b8/">बच्चो को पालने  के लिए बॉस की रखेल बन गयी</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1502. ]]></content:encoded>
  1503. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%b8/feed/</wfw:commentRss>
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  1507. <title>भाभी को नंगा नहाते देख लिया</title>
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  1510. <dc:creator><![CDATA[Sankalp Chaudhary]]></dc:creator>
  1511. <pubDate>Fri, 11 Jul 2025 05:49:34 +0000</pubDate>
  1512. <category><![CDATA[भाभी (Bhabhi)]]></category>
  1513. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=3620</guid>
  1514.  
  1515. <description><![CDATA[<p>कुछ दिनों पहले की बात है. सुभह का वक्त था. बड़े भैया काम से जल्दी घर से निकल गए थे. माँ और पापा भी मंदिर</p>
  1516. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%af/">भाभी को नंगा नहाते देख लिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1517. ]]></description>
  1518. <content:encoded><![CDATA[
  1519. <p>कुछ दिनों पहले की बात है. सुभह का वक्त था. बड़े भैया काम से जल्दी घर से निकल गए थे. माँ और पापा भी मंदिर चले गए थे. में दोस्तों के सात खेलने चला गया था. जब १० बजे घर लौटा तो देखा घर पे कोई नहीं है. मुझे लगा सभी मंदिर चले गए होंगे.</p>
  1520.  
  1521.  
  1522.  
  1523. <p>तो मेने सोचा की जाकर नाहा लेता हु. मेने अपना टावल और कपडे लिए और बाथरूम की और निकल पड़ा. बाथरूम हमारा घर में पीछे की तरफ था. में अपनी ही सोच में चले जा रहा था. बाथरूम के पास पोहचा और जैसे ही दरवाजा धकेला, अंदर सामने भाभी को नंगा देख मेरे तो होश ही उड़ गए.</p>
  1524.  
  1525.  
  1526.  
  1527. <p>भाभी पूरी नंगी सामने कड़ी थी. उनका एक पैर उन्होंने निचे रखे टेबल पे रखा था. और अपनी जांग पे साबुन रगड़ रही थी. मेरी तुरंत नजर भाभी के बड़े बड़े मम्मो पर पड़ी. अह्ह्ह ह… इतने बड़े मम्मे और उनकी चूचिया। अहह.. नजर मम्मो से हट ही नहीं रही थी. फिर धीरेसे आँखे भाभी की चुत की और मुड़ी। अह्ह्ह। .. भाभी की चुत पे एक भी बाल नहीं था. चुत को देखते ही मुँह में पानी आ गया.</p>
  1528.  
  1529.  
  1530.  
  1531. <p>कुछ देर तक भाभी को भी एसास नहीं हुआ की क्या हो रहा है. कुछ देर बाद जब बभी को समज आया. वो सहम गई और उन्होंने अपना एक हात अपने मम्मो को ढकने में लगाया और दूसरे हात से चुत को ढकने लगी.</p>
  1532.  
  1533.  
  1534.  
  1535. <p>में भी डर गया और तुरंत दरवाजा बंद कर अपने कमरे की और भागा।</p>
  1536.  
  1537.  
  1538.  
  1539. <p>कमरेमे जाकर में खुर्सी पे बैठ गया. मेरी आखो के सामने भाभी का नंगा बदन घूम रहा था. सास फूल रही थी. मुझे समज नहीं आया के ये सब क्या हुआ.</p>
  1540.  
  1541.  
  1542.  
  1543. <p>में कुछ देर बैठा ही था की तभी बाहर से भाभी कमरे में आयी. भाभी ने टावल पहनी हुई थी. धीरेसे चलते हुए कमरे में दाखिल हुई. अंदर आते ही भाभी ने दरवाजा अंदर से बंद किया। और मेरी तरफ आने लगी</p>
  1544.  
  1545.  
  1546.  
  1547. <p>जैसे जैसे वो करीब आ रही थी। &nbsp;मेरी सासे बढ़ रही थी. भाभी मेरे एकदम से करीब आ गयी. मुझे एक बार के लिए लगा की भाभी अभी मुझे जोर से चपेट मारेगी। &nbsp;इसके पहले की भाभी कुछ कहे, मेने भाभी से गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी मांगी. हात जोड़े और कहा. गलती से हो गया. मुझे नहीं पता था आप नाहने गयी हो.</p>
  1548.  
  1549.  
  1550.  
  1551. <p>मेरे पसीने छूट रहे थे.</p>
  1552.  
  1553.  
  1554.  
  1555. <p>तभी भाभी बोली। कोई बात नहीं देवर जी. ये कोई बड़ी बात नहीं के आपने मुझे नहाते हुए देख लिया. तुम्हारी इसमें कोई गलती नहीं थी. में ही दरवाजा बंद करना भूल गई.</p>
  1556.  
  1557.  
  1558.  
  1559. <p>भाभी ने मेरे गालो को सहालते हुए कहा. आप मत डरो. में किसी को कुछ नहीं बताउंगी. आप भी किसी को कुछ नहीं बताना.</p>
  1560.  
  1561.  
  1562.  
  1563. <p>ये बात सुनकर मेरी जान में जान आयी.</p>
  1564.  
  1565.  
  1566.  
  1567. <p>मेरा डर कम होने लगा. मेने भाभी से कहा…. जी में किसे से कुछ नहीं बोलूंगा.</p>
  1568.  
  1569.  
  1570.  
  1571. <p>में ऐसे कहकर बाहर निकलने ही वाला था लेकिन तभी भाभी ने कहा.</p>
  1572.  
  1573.  
  1574.  
  1575. <p>लेकिन एक काम तुम्हे करना पड़ेगा</p>
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  1578.  
  1579. <p>मेने पूछा… जी भाभी आप जो कहोगे में करूँगा</p>
  1580.  
  1581.  
  1582.  
  1583. <p>मेरी बात सुनतेही भाभी बोली. देखो जैसे तुमने मुझे नंगा नहाते हुए देख लिया. वैसे अब तुम्हे भी नंगा मेरे सामने खड़ा होना पड़ेगा. तभी बात बराबर की होगी.</p>
  1584.  
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  1586.  
  1587. <p>ये सुन में चौक गया. मुझे समज नयी आ रहा था के इस बात पर में क्या कहु</p>
  1588.  
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  1590.  
  1591. <p>भाभी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा. देखो ज्यादा सोचो मत. कुछ नहीं होगा. एक बार सिर्फ में तुमको पूरा नंगा देख लू जैसे तुमने मुझे देखा था. तो दोनों को भी किसी बात का डर नहीं होगा. हम दोनों भी इस बात को किसी को नहीं बताएँगे।</p>
  1592.  
  1593.  
  1594.  
  1595. <p>मुझे भी भाभी की बात ठीक लगी. में खड़ा हो गया और अपनी &nbsp;टीशर्ट उतारने लगा.</p>
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  1598.  
  1599. <p>भाभी मुझे टकटकी लगाकर देख रही थी. मेने टीशर्ट उतार कर बेड पर रख दी और भाभी को देखने लगा.</p>
  1600.  
  1601.  
  1602.  
  1603. <p>तभी भाभी ने कहा. रुके क्यों…. उतारो सारे कपडे. शर्माओ मत</p>
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  1605.  
  1606.  
  1607. <p>मुझे बहोत डर लग रहा था. लेकिन अब कोई और उपाय भी नहीं था. तो मेने धीरेसे अपनी पैंट निचे उतारकर पास में टीशर्ट के सात रख दी.</p>
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  1609.  
  1610.  
  1611. <p>मेरा खड़ा लंड अंडरवेर के अंदर गुदगुदाने लगा. भाभी ने कहा अब इसे भी उतार दो.</p>
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  1613.  
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  1615. <p>मेने धीरसे अंडरवेर को भी उतारा और पूरा नंगा हो गया.</p>
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  1618.  
  1619. <p>मेरा लंड उछलते हुए बाहर निकला था. जैसे ही भाभी ने मेरा लंड देखा वो चौक गयी. शायद पहली बार इतना बड़ा लंड देख रही थी.</p>
  1620.  
  1621.  
  1622.  
  1623. <p>लंड की तरफ देखते हुए भाभी बोली. तुम्हारा तो काफी बड़ा है. में थोड़ा शरमाया.</p>
  1624.  
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  1627. <p>मेरी तरफ देखते हुए भाभी ने अपना पहना हुआ टावल उतर दिया.</p>
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  1631. <p>जैसे ही टावल निचे गिरा और जो मेरे सामने दृस्य था….. &nbsp;अहहह। … मानो अप्सरा आसमान से प्रकट हुयी है.</p>
  1632.  
  1633.  
  1634.  
  1635. <p>बड़े मम्मो को देख मेरा लंड ऊपर निचे उछलने लगा. भाभी की जैसे ही हिलते हुए लंड पे नजर पड़ी. उन्होंने अपना हात आगे बढ़ाकर लंड को मुठी में पकड़ लिया. अहह अह्ह्ह अहह.. भाभी का कोमल हात मेरे खड़े लंड को छूते ही मानो मेरे शरीर में बिजली बहने लगी. भाभी ने लंड को मुट्ठी में जकड कर हिलना शुरू किया.</p>
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  1639. <p>अहा अहह यह.. अहह ाहः. अहह. श्श्श सः अहह…. जोर जोर से लंड को दबा दबा कर हिला रही थी. मेरा तड़पता हुआ बदन देख भाभी नजदीक आई और मेरे होठोंपे अपने होठ रख दिए. फिर क्या, मेरे दिमाग ने सोचना बंद कर दिया. मेने सीधा भाभी को गले से लगाया और चूमने लगा. भाभी की गोरी नंगी पीठ पर हात घुमाते हुए गुलाबी होठोंका रस पि रहा था.</p>
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  1643. <p>अहह आह… भाभी के कोमल बदन को छूने में बड़ा मजा आ रहा था. भाभी ने लंड छोड़ मुझे कसकर गले लगा लिया. निचे मेरा लंड भाभी की चुत पे घिसे जा रहा था.</p>
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  1647. <p>भाभी की पीठ पर घूम रहा मेरा हात धीरेसे निचे सरकने लगा. भाभी की कमर से होते हुए जैसे निचे जाने लगा, बड़ी उठी हुई गांड का स्पर्श हातोंको होने लगा. मेने अपने दोनों हात निचे सरकाये और दोनों हातोंसे गांड को दबाने लगा. अहहह अहह… गांड तो और भी लाजवाब थी. कसकर गांड पकड़कर दबाने लगा. गांड इतनी बड़ी थी के मेरे हातोंके पंजे छोटे पड़ रहे थे. गोल मोटी गांड को कसकर दबा दबा कर आनंद लेने लगा.</p>
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  1650.  
  1651. <p>उसी वक्त आगे की और होठोंसे निचे सरकते हुए मेने भाभी की चूचिया मुँह में ले ली और चूचियों को चूसते हुए हातोंसे गांड दबा रहा था.</p>
  1652.  
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  1654.  
  1655. <p>कुछ देर गांड से खेलकर दोनों हात आगेकी ओर लिए और दोनों मम्मो को दबाकर भाभी का दूध निकालने लगा. अहा आह. अहह. अहह अहह. भाभी के मम्मे काफी रसीले थे. दबाने में बहुत मजा आ रहा था. ऐसे लग रहा था की दूध की थैले दबा रहा हु. दोनों मम्मो को काफी देर तक में चूसता रहा.</p>
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  1657.  
  1658.  
  1659. <p>निचे मेरा लंड भाभी को पेलने के लिए तैयार ही था. मेने भाभी को पीछे पलंग पर सुला दिया और में उनके उपर चढ़ गया. होठोंसे चूमते हुए निचे आने लगा. मम्मो को पूरा चाटलिया, धीरे धीरे भाभी के बदन को चूमते हुए निचे आने लगा. भाभी के ढोड़ी पर जैसी ही नजर पड़ी, मेने सीधा अपना मुँह धोड़ी पर रख जीभ से धोड़ी को चाटने लगा. भाभी के मुँह से आह की आवाजे आने लगी. अहह अहह . ष्ष्स हशस.अहह हाहाहा अहह अहह.</p>
  1660.  
  1661.  
  1662.  
  1663. <p>धोड़ी का मजा लेकर निचे की और खिसका. निचे जाते ही भाभी की चुत की सीधी दरार दिखने लगी. धीरेसे अपने हात भाभी की दोनों जांग पे रख सहलाने लगा. चुत को देख भाभी की गोरी जांग पे चूमने लगा. धीरे धीरे चुत की और बढ़ने लगा. भाभी अपने पैर फ़ैलाने लगी. धीरेसे चुत मेरे आखो के सामने खुलने लगी अहह अहाहा। क्या नजारा था. भाभी की गोरी चुत खुलते देख मुँह में पानी आनेलगा.</p>
  1664.  
  1665.  
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  1667. <p>जैसे ही भाभी ने पुरे पैर फैला दिए. मेने सीधा भाभी की चुत पे अपना मुँह टिका दिया. चुत को दोनो हातोंसे से खोलकर जीभ अंदर दाल दी और चुत से निकलने वाला चिप चिपा पानी चाटने लगा. ऐसे लग रहा था मानो शहद चाट रहा हु. उम् उम्म्म अहहह अहहांम अम्म्म ामममम…. भाभी भी कहराने लगी थी. अहहअहह अह्ह्ह्हह .. शहहह अहहह</p>
  1668.  
  1669.  
  1670.  
  1671. <p>चुत पर जीभ घुमाते हुए मेने अपनी एक ऊँगली चुत में डाल दी और चुत को रगड़ने लगा. काफी अंदर तक ऊँगली जा रही थी. चुत के दाने पर जैसे में जीभ घुमाने लगा, भाभी मानो तड़पने लगी. कमर ऊपर निचे कर मेरे मुँह पे घिसने लगी. में रुका नहीं और चुत को काफी देर तक चाटता रहा.</p>
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  1675. <p>काफी देर चुत को चाटने के बाद पीछे हुआ. भाभी के पैर पुरे फैला दिए और बिच में बैठ गया. लंड को हात में पकड़ कर धीरेसे चुत में धकेला. धीरेसे लंड चुत में खिसकने लगा. बड़ा लंड होनेके वजसे भाभी मानो तड़पने लगी थी. उनकी तड़फड़ाहट आखो के सामने दिख रही थी. लेकिन मेने ध्यान नहीं दिया और लंड को धक्के देकर अंदर डालते रहा. कुछ देर बाद जब पूरा लंड चुत में चला गया भाभी ने चैन की सास ली.</p>
  1676.  
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  1678.  
  1679. <p>लंड चुत में डाल भाभी के ऊपर लेट गया. भाभी की आखो में देख निचेसे कमर हिलाते हुए लंड को चुत में अंदर बाहर करने लगा. अहहह। ..अहहह. लंड गरम चुत में घिसने लगा. अहह अहाहा. …. भाभी भी कहराने लगी…. भाभी के चेहरे पे उठी आह देख मेरा और जोर से चोदने का मन होने लगा. मेने जोर जोर से अपने लंड को चुत में डालना सुरु किया. अहह अहह अहाः अह्ह्ह . भाभी को जोर जोर से चोदने ने में काफी मजा आ रहा था. अहहह अहाहा। …</p>
  1680.  
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  1682.  
  1683. <p>लंड पूरा अंदर तक जा रहा था. काफी देर तक चुत को चोदने ने बाद जब में पीछे हटा और लंड को देखा तो लंड पूरा चुत के पानी से गिला हो चूका था. तभी मुझे पता चला की भाभी एक बार झड़ चुकी है.</p>
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  1686.  
  1687. <p>फिर मेने भाभी को पलट कर सुलाया. जैसे भाभी पलटी, आखो के सामने भाभी की बड़ी हिलती हुई गांड सामने आयी. मेने दोनों हातोंसे गांड को दबाना सुरु किया. काफी कोमल थी भाभी की गांड. मेने अपनी जीभ से गांड को ऊपर से निचे तक चाटा फिर भाभी को घोड़ी बनाकर बैठाया. जैसे ही भाभी घोड़ी बनी. गांड ऊपर आगई.</p>
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  1690.  
  1691. <p>मेने अपने लंड को पकड़ा और गांड पे मारते हुए निचे की और चुत को ढूंढने लगा. चुत के गड्ढे में लंड को धीरेसे सरकाकर चोदना सुर किया. अहा हहह यह.. श्श्श शहस. भाभी भी चिल्लाने लगी… हाहाहा यह अहा.. श्श्श श्श्श. देवर जी धीरे अहह अहहह..अहह अहहह। …</p>
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  1695. <p>मेने कसकर भाभी की कमर पकड़ ली थी. जोर जोर से चोद रहा था. जैसे जैसे मेरा पानी नजदीक आ रहा था. मेरी चोदने की गति बढ़ रही थी. में सब भूल के सिर्फ सामने दिख रही नंगी औरत को चोदने के बारे में सोच रहा था. अहह अहह. श्श्श शहस. कसकर पकड़कर लंड चुत में धकेल रहा था. अहह अहह यह. श्श्श शश अहाहा.</p>
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  1699. <p>काफी देर चोदने के बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था. मेने भाभी को पूछा चुत में पानी छोड़ दू. तो भाभी चिल्लाकर बोली. नहीं देवर जी, बाहर छोड़ो. जैसे ही पानी लंड से निकलने वाला था. मेने तुरंत लंड चुत के बाहर खींचा और उसकी गांड पे उड़ा दिया. गरम सफ़ेद पानी की बौछार भाभी के गांड पे उड़ने लगी.. कुछ वक्त लगा पूरा पानी निकलने में. फिर जब लंड शांत हुआ मे पीछे हट गया और भाभी के बगल में सो गया.</p>
  1700.  
  1701.  
  1702.  
  1703. <p>भाभी भी नंगी मेरे पास लेटी रही. कुछ देर बाद भाभी उठी और अपना टावल लपट कर अपने कमरे में चली गयी.</p>
  1704.  
  1705.  
  1706.  
  1707. <p>उस दिन के बाद जब जब घर पर कोई नहीं होता था. भाभी मेरे कमरे में आती थी और हम चुदाई करते है.</p>
  1708. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3620" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3620" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%af/">भाभी को नंगा नहाते देख लिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1709. ]]></content:encoded>
  1710. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%af/feed/</wfw:commentRss>
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  1712. </item>
  1713. <item>
  1714. <title>पापा का दोस्त माँ को चोदता रहा और मुझे पता ही नहीं चला</title>
  1715. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a4%be/</link>
  1716. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a4%be/#respond</comments>
  1717. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1718. <pubDate>Sun, 18 May 2025 07:06:15 +0000</pubDate>
  1719. <category><![CDATA[माँ (Mother)]]></category>
  1720. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=3543</guid>
  1721.  
  1722. <description><![CDATA[<p>दोस्तों ये जो कहानी में आपको सुनाने जा रहा हु ये मेरे जीवन का एक काला सच है जो मेने इसके पहिले किसी को नहीं</p>
  1723. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a4%be/">पापा का दोस्त माँ को चोदता रहा और मुझे पता ही नहीं चला</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1724. ]]></description>
  1725. <content:encoded><![CDATA[
  1726. <p>दोस्तों ये जो कहानी में आपको सुनाने जा रहा हु ये मेरे जीवन का एक काला सच है जो मेने इसके पहिले किसी को नहीं बताया।</p>
  1727.  
  1728.  
  1729.  
  1730. <p>ये बात उन दिनों की है जब में स्कुल जाया करता था. तब मेरे घर पापा के एक दोस्त आया करते थे. उनका नाम अनुभव था. में उनको अनुभव अंकल कहके पुकारता था.</p>
  1731.  
  1732.  
  1733.  
  1734. <p>अनुभव अंकल का आनाजाना घर लगा रहता था. पापा और मम्मी दोनों काफी खुलके उनसे बात किया करते थे. कई बार तो रात को पापा और अनुभव अंकल दारू पिने बैठते और देर हो जाये तो हमारे घर ही सो जाया करते थे.</p>
  1735.  
  1736.  
  1737.  
  1738. <p>मुझे अनुभव अंकल इसलिए पसंद थे क्यूंकि वो मुझे हमेशा पैसे दिया करते थे. स्कुल के लिए मुझे घर से पैसे नहीं मिलते थे. इसलिए अनुभव अंकल से मिलने वाले पैसो से मेरी खाने पिने की जरूरते पूरी हो जाती थी. इस कारन में हमेशा अनुभव अंकल के घर अनेका इंतजार करता था.</p>
  1739.  
  1740.  
  1741.  
  1742. <p>लेकिन एक दिन सुभह ११ बजे जब में अपने क्लास के लिए निकल रहा था. तभी मेने अनुभव अंकल को रसोई घर में देखा। मुझे लगा वो माँ से कुछ बात कर रहे होंगे. क्यूंकि बातोकि आवाजे आ रही थी. तो पहले तो मेने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने क्लास के बैग में किताबे भरने लगा.</p>
  1743.  
  1744.  
  1745.  
  1746. <p>तभी माँ की धीरेसे आवाज मुझे सुनाई दी.</p>
  1747.  
  1748.  
  1749.  
  1750. <p>आह्हः। ..क्या कर रहे हो.</p>
  1751.  
  1752.  
  1753.  
  1754. <p>में थोड़ा चौक गया. धीरेसे उठकर मेने बहार से रसोई घर में झाका। तब जो मेने अपनी आखोसे देखा, मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए.</p>
  1755.  
  1756.  
  1757.  
  1758. <p>सामने माँ आटा गुंड रही थी. और अनुभव अंकल ने माँ को पिछेसे पकड़ रखा था. उनके दोनों हात माँ के मम्मो पर थे. और वो पिछेसे माँ को कसके पकड़कर उनके मम्मो को &nbsp;जोर जोर से दबा रहे थे.</p>
  1759.  
  1760.  
  1761.  
  1762. <p>में तभी छोटा था. मे थोड़ा सहम गया और जल्दी से पीछे हटकर अपनी बैग उठाई और बहार निकल गया.</p>
  1763.  
  1764.  
  1765.  
  1766. <p>उस दिन के बाद मुझे इतना पता चल गया था की कुछ तो घर में चल रहा है जिसका मुझे पता नहीं।</p>
  1767.  
  1768.  
  1769.  
  1770. <p>धीरे धीरे जैसे में बड़ा होने लगा. मुझे इन सब चीजोंकी समाज आने लगी.</p>
  1771.  
  1772.  
  1773.  
  1774. <p>अभी तो मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था. अनुभव अंकल अभी भी घर आया करते थे. वो मुझे पैसे दिया करते थे.</p>
  1775.  
  1776.  
  1777.  
  1778. <p>लेकिन अब मुझे घर में क्या चल रहा है ये जाननेमे ज्यादा उत्सुकता थी.</p>
  1779.  
  1780.  
  1781.  
  1782. <p>मेने घर में अनुभव अंकल पे ध्यान रखना सुरु किया. काफी दिन तक मेने कोशिश की के कुछ पता चले लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था.</p>
  1783.  
  1784.  
  1785.  
  1786. <p>कुछ दिन बाद मुझे इतना पता चला की जब में घर पर नहीं रहता तब अनुभव अंकल घर आते है.</p>
  1787.  
  1788.  
  1789.  
  1790. <p>मेरी जिन्यासा बढ़ रही थी. में मोके के तलाश में था.</p>
  1791.  
  1792.  
  1793.  
  1794. <p>एक दिन वो मौका मिल ही गया. पापा और अनुभव अंकल रातको दारू पिने बैठे थे.</p>
  1795.  
  1796.  
  1797.  
  1798. <p>देर रात उनका कार्यक्रम चल रहा था. में अपने कमरे में जगा हुआ था. आज मुझे देखना था की रातको होता क्या है.</p>
  1799.  
  1800.  
  1801.  
  1802. <p>जैसे ही रातके दो बजे, मुझे कमरे पे बहार हलचल महसूस हुई.</p>
  1803.  
  1804.  
  1805.  
  1806. <p>पापा और अनुभव अंकल बात कर रहे थे. पापा ने अनुभव अंकल से कहा आज इधर ही रुक जाओ.</p>
  1807.  
  1808.  
  1809.  
  1810. <p>मेने अंदरसे दरवाजेपे कान लगाकर सारी बाते सुन रहा था. बिच बिच में माँ की &nbsp;भी आवाज आने लगी.</p>
  1811.  
  1812.  
  1813.  
  1814. <p>कुछ देर बाद सब शांत हो गया. तो मेने धीरेसे अपना दरवाजा खोला। और बाहर झाकने लगा. बहार देखा थो पापा उठकर कमरेकी और जा रहे थे. उन्होंने बहोत पि रखी थी और पापा को ठीक से चलने भी नहीं हो रहा था. वो दीवार के सहारे चलते हुए अंदर की और जा रहे थे.</p>
  1815.  
  1816.  
  1817.  
  1818. <p>उनके पीछे माँ और अनुभव अंकल खड़े थे. अंकल माँ के पीठ पर हाट घुमा रहे थे. माँ ने तब नायलॉन की मैक्सी पहनी थी. अनुभव अंकल का हात माँ की पीठ से होकर निचे की और आया और माँ की गांड पर आते ही उन्होंने माँ की गांड दबाई। माँ की बड़ी गांड का बड़ा हिस्सा उनके हातो में था और वो माँ की गांड दबाये जा रहे थे.</p>
  1819.  
  1820.  
  1821.  
  1822. <p>उनको ऐसे करता देख में चौक गया. समज नहीं आ रहा था की ये सब क्या हो रहा है.</p>
  1823.  
  1824.  
  1825.  
  1826. <p>जैसे ही पापा गए अपने रूम में पिछेसे माँ और अंकल भी अंदर चले गए. वो जैसे ही अंदर गए में दबे पाव बहार निकला और पापा के रूम के बाहर आकर खड़ा हो गया. बहार पूरा अँधेरा था.</p>
  1827.  
  1828.  
  1829.  
  1830. <p>धीरेसे जब पापा के रूम के पास आया तो अंदर से माँ की सिसकनेकी आवाजे आ रही थी.</p>
  1831.  
  1832.  
  1833.  
  1834. <p>मुजसे रहा नहीं गया तो में दरवाजे पे कान लगाकर सुनाने गया तो पता चला दरवाजा खुला ही है. मेने धीरेसे दरवाजे को धकेला और अंदर झाकने लगा.</p>
  1835.  
  1836.  
  1837.  
  1838. <p>और तब जो मेने अंदर देखा मेरे तो होश ही उड़ गए.</p>
  1839.  
  1840.  
  1841.  
  1842. <p>अंदर कमरेमे टेबल पे रखी पिली लाइट चालू थी. उसी लाइट का उजाला था. फिर भी कमरेमे काफी अँधेरा था.</p>
  1843.  
  1844.  
  1845.  
  1846. <p>सामने पापा बेड पर सोये थे. वो गहरी नींद में थे.</p>
  1847.  
  1848.  
  1849.  
  1850. <p>दूसरी तरफ माँ को अंकल ने कसकर जकड लिया था और दोनों एक दूसरे के होठोंको चुम रहे थे. गले लगाकर चूमते हुए अनुभव अंकल का हात माँ की पीठ पर घूम रहा था.</p>
  1851.  
  1852.  
  1853.  
  1854. <p>माँ को ऐसे देख मेरा तो गाला सुख गया.</p>
  1855.  
  1856.  
  1857.  
  1858. <p>कुछ देर बाद दोनों ने एक दूसरे के कपडे उतरना सुरु किये. माँ ने तो सिर्फ मैक्सी पहनी थी. जैसे मैक्सी ऊपर से निकली। अंदर से माँ का रसीला बदन दिखाई देने लगा. माँ ने ब्रा भी नहीं पहना था तो उनके मम्मे तुरंत उछलकर बाहर आगये। निचे माँ ने सिर्फ चड्डी पहनी थी.</p>
  1859.  
  1860.  
  1861.  
  1862. <p>अनुभव अंकल ने भी तुरंत अपने कपडे उतारदिए और पुरे नंगे हो गए. जैसे उनका लंड बहार आया. माँ ने बिना किसी झिजक के उनका लंड हातोंसे पकड़ लिया और उसे आगे पीछे हिलने लगी. जैसे ही अनुभव अंकल ने अपना शर्ट निकल दिया वो पुरे नंगे हो गए.</p>
  1863.  
  1864.  
  1865.  
  1866. <p>माँ पीछे की और रखे खुसी पे बैठी और अनुभव अंकल का लंड खींचकर उनको नजदीक लिया और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.</p>
  1867.  
  1868.  
  1869.  
  1870. <p>अनुभव अंकल के मुँह से आवाज निकलने लगी. अहह अहहह ा.. ष्ष्स सहस अहहहह अहहह।।।।</p>
  1871.  
  1872.  
  1873.  
  1874. <p>यहाँ मेरा लंड भी उछलने लगा. मेरा हात अपने आप पैंट में चला गया. और लंड को कसकर पकड़के में भी उसे हिलने लगा.</p>
  1875.  
  1876.  
  1877.  
  1878. <p>माँ को कोई फरक नहीं पड़ रहा थी की उनका पति पास ही सोया है. वो बहोत ही मजे लेकर अनुभव अंकल का लंड चूस रही थी.</p>
  1879.  
  1880.  
  1881.  
  1882. <p>काफी देर लंड चूसने के बाद फिर सुरु हुआ चुदाई की क्रिया।</p>
  1883.  
  1884.  
  1885.  
  1886. <p>अनुभव अंकल ने माँ को खड़ा किया. और पास ही बेड पर माँ को सुलाके माँ के पैर फैलाये। और सीधा अपना खड़ा लंड माँ की चुत में धकेल दिया।</p>
  1887.  
  1888.  
  1889.  
  1890. <p>अंकल ने लंड माँ की चुत में दाल उसे पेलना सुरु किया. माँ मदहोश होकर आह भरने लगी.</p>
  1891.  
  1892.  
  1893.  
  1894. <p>अहह अहा। स शश श्शश शश.. अहहस ष्ष्स..</p>
  1895.  
  1896.  
  1897.  
  1898. <p>अंकल निचे से लंड घुसेड़कर ऊपर माँ के निप्पल चूसने लगे.</p>
  1899.  
  1900.  
  1901.  
  1902. <p>यहाँ मेरा भी हाल बेहाल था. मेने अपनी पैंट निचे उतारी और गीले लंड को जोर जोर से हिलाने लगा. माँ को चुदवाते देख में पागल हो रहा था.</p>
  1903.  
  1904.  
  1905.  
  1906. <p>वहा अनुभव अंकल काफी जोश में माँ को चोद रहे थे. उनकी आँखे नशीली हो चुकी थी.</p>
  1907.  
  1908.  
  1909.  
  1910. <p>दोनों इतनी जोर से चुदवा रहे थे की पूरा बेड हिलने लगा. इतनी जोर से बेड हिल रहा था की पापा की नीद खुल गयी.</p>
  1911.  
  1912.  
  1913.  
  1914. <p>उनको जागते हुए देख मेरी हालत पतली हो गई. अब क्या होगा। पापा ने मम्मी को चुदवाते देखा तो तहलका मच जायेगा.</p>
  1915.  
  1916.  
  1917.  
  1918. <p>डर के मरे मेने अपना लंड कसकर पकड़ रखा था. तभी पापा को उठते हुए देख अनुभव अंकल ने अपना लंड माँ की चुत से बहार खींचा। माँ को इशारा किया की पति उठ रहा है.</p>
  1919.  
  1920.  
  1921.  
  1922. <p>माँ तुरंत खड़ी हुई. और बेड के किनारे झुक गई. झुककर माँ ने पापा की पैंट खोली और उनका लंड निकाल कर चूसने लगी… पीछे अनुभव अंकल ने माँ की गांड जैसे देखि वो प्यार से गांड पे हाट घुमाकर माँ की गांड को चूमने लगे</p>
  1923.  
  1924.  
  1925.  
  1926. <p>आगे पापा, पीछे अनुभव अंकल और बीचमे झुकी हुई मेरी माँ. वो दृश्य आज भी मेरे नजरोके सामने आता है तो मेरा लंड उछलने लगता है.</p>
  1927.  
  1928.  
  1929.  
  1930. <p>अनुभव अंकल ने गांड के पुरे मजे लिए, फिर खड़े होकर पिछेसे चूत ढूंढ़कर अपना लंड माँ के अंदर घुसेड़ा और फिर से माँ को पेलने लगे. माँ पापा का लंड चूसते हुए चुदवाके ले रही थी.</p>
  1931.  
  1932.  
  1933.  
  1934. <p>वहा अनुभव अंकल ने माँ को जोर जोर से चोदना सुरु किया। यहाँ में लंड को जोर जोर से हिलाने लगा.</p>
  1935.  
  1936.  
  1937.  
  1938. <p>कुछ देर बाद अनुभव अंकल ने माँ को चोदते हुए लंड बहार खींचा और माँ के गांड पे पानी फैला दिया। वह पापा ने भी अपना पानी माँ के मुँह में छोड़ दिया।</p>
  1939.  
  1940.  
  1941.  
  1942. <p>और यहाँ मेरे लंड ने पिचकारी उड़ाई।</p>
  1943.  
  1944.  
  1945.  
  1946. <p>सभी एकसात शांत हो गए.. मेने तुरंत अपनी पैंट ऊपर खींची और दबेपाव रूम में आगया।</p>
  1947.  
  1948.  
  1949.  
  1950. <p>उस दिन से मुझे पता चला की पापा को भी पता है के अनुभव अंकल माँ को चोदते है.</p>
  1951.  
  1952.  
  1953.  
  1954. <p>कुछ महीनो बाद मुझे पता चला की पापा ने अनुभव अंकल से पैसे लिए थे. वो अब दे नहीं पा रहे है. तो उसका मुवावजा समझकर अनुभव अंकल माँ को चोदते है.</p>
  1955.  
  1956.  
  1957.  
  1958. <p>आज भी अनुभव अंकल हमारे घर आते है और माँ को चोद के चले जाते है.</p>
  1959.  
  1960.  
  1961.  
  1962. <p>कैसी लगी कहानी जरूर बताना</p>
  1963. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3543" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3543" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a4%be/">पापा का दोस्त माँ को चोदता रहा और मुझे पता ही नहीं चला</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Stories | Read New Antarvasna Kahani</a>.</p>
  1964. ]]></content:encoded>
  1965. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a4%be/feed/</wfw:commentRss>
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